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सूख गया सौ बीघे का संडहवा तालाब

विद्युतनगर (अंबेडकरनगर) : टांडा तहसील क्षेत्र में सबसे बड़े क्षेत्रफल में स्थित संडहवा तालाब की दशा ब

By JagranEdited By: Published: Tue, 27 Jun 2017 10:14 PM (IST)Updated: Tue, 27 Jun 2017 10:14 PM (IST)
सूख गया सौ बीघे का संडहवा तालाब

विद्युतनगर (अंबेडकरनगर) : टांडा तहसील क्षेत्र में सबसे बड़े क्षेत्रफल में स्थित संडहवा तालाब की दशा बदतर है। वर्षो से साफ-सफाई न होने से यहां तालाब की जमीन पर पूरी तरह घास उग आयी है। इसके चलते यह तालाब आपना अस्तित्व खोता जा रहा है। बावजूद इसके तालाबों के संरक्षण को लेकर तहसील प्रशासन उदासीन बना हुआ है।

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टांडा विकास खंड क्षेत्र के अंतर्गत आने वाली चार ग्राम पंचायतों की सरहद पर स्थित संडहवा तालाब का सबसे बड़ा हिस्सा ग्राम पंचायत ¨चतौरा व पुंथर के राजस्व गांव में समाहित है। लगभग सौ बीघा के क्षेत्रफल में फैला यह तालाब मौजूदा समय में अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। किसी समय प्रवासी पक्षियों की शरण स्थली के रूप में विख्यात इस तालाब पर साइबेरियन पक्षियों समेत अन्य दर्जनों प्रजातियों के पक्षियों का डेरा लगता था। शीतकाल के समय यहां आने वाले पक्षियों के कलरव से आसपास के गांव गूंजायमान हो उठते थे। इस क्षेत्र की अद्भुत प्राकृतिक छटा को न जाने किसकी नजर लग गई कि इसके अस्तित्व पर ही खतरे के बादल मंडराने लगे हैं। यही नहीं, लोगों की विभिन्न आवश्यकताओं की पूर्ति के साथ ही वर्ष भर विभिन्न त्योहारों के अवसर पर आसपास के कई गांवों के ग्रामीणों के आवागमन से यह सदा गुलजार रहता था। खासकर नाग पंचमी, छठ पूजा व कई त्योहारों पर यहां विभिन्न रीति-रीवाजों के अनुरूप गांवों की महिलाएं, पुरुष व बच्चे रश्मों की अदायगी करते थे। लेकिन, अब गुजरे जमाने की बात हो चुकी है। मौजूदा समय में आलम यह है कि यह तालाब अपने वजूद के लिए संघर्ष कर रहा है।

पट्टा खारिज फिर भी अतिक्रमण

टांडा तहसील क्षेत्र के सबसे बड़े तालाब की जमीन के एक बड़े हिस्से को कई वर्षो पूर्व तहसील प्रशासन ने ग्रामीणों को पट्टा दे दिया था, लेकिन दस वर्ष पूर्व प्रशासन ने पट्टे को निरस्त कर दिया था। बावजूद इसके तालाब की जमीन को खाली नहीं कराया जा सका। तहसील प्रशासन ने इस तरफ ध्यान देना भी उचित नहीं समझा। नतीजा यह हुआ कि तालाब के एक बड़े हिस्से पर अभी ग्रामीण खेती करते हैं। इससे तालाब का वजूद सिमटकर रह गया है। दो गांवों में इस तालाब का बड़ा हिस्सा शामिल होने के बावजूद इसे आस्तित्व में लाने और सौंदर्यीकरण कराये जाने को लेकर किसी प्रकार की कार्ययोजना अधिकारियों ने तैयार करने की जहमत नहीं उठाई है।

तालाबों के संरक्षण को लेकर तहसील प्रशासन पूरी तरह गंभीर है। मामले की जांच कराई जाएगी। तालाब को उसके आकार और आस्तित्व में लाने के लिए कार्य किया जा रहा है। जल्द ही इस तालाब को उसका स्वरूप दिलाने की दिशा में कार्य किया जाएगा।

-प्रभाकर त्रिपाठी, तहसीलदार टांडा, अंबेडकरनगर


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