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पांच अवैध विद्यालयों ने बंद किया संचालन

अंब डकरनगर : जिला प्रशासन और बेसिक शिक्षा विभाग के सख्त निर्देशों का असर अवैध विद्यालय संचालकों पर द

By JagranEdited By: Published: Sat, 29 Apr 2017 10:20 PM (IST)Updated: Sat, 29 Apr 2017 10:20 PM (IST)
पांच अवैध विद्यालयों ने बंद किया संचालन
पांच अवैध विद्यालयों ने बंद किया संचालन

अंब डकरनगर : जिला प्रशासन और बेसिक शिक्षा विभाग के सख्त निर्देशों का असर अवैध विद्यालय संचालकों पर दिखने लगा है। जिले के पांच अवैध विद्यालय संचालकों ने इनका संचालन बंद किए जाने की सूचना बीएसए कार्यालय को सौंपी है। हालांकि अभी भी धड़ल्ले से चल रहे अवैध विद्यालयों के विरुद्ध प्रशासनिक एवं बेसिक शिक्षा विभाग की टीम सोमवार से सघन अभियान चलाएगी। इस दौरान अवैध संचालित मिलने वाले सभी विद्यालयों पर मुकदमा दर्ज कराने के साथ ही अर्थदंड भी वसूल किया जाएगा।

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शासन के सख्त रूख को भांपते हुए अवैध तरीके से शिक्षण संस्थान संचालित करने वालों के हाथ-पांव फूल गए हैं। जिलाधिकारी वैभव श्रीवास्तव ने रविवार तक सभी अवैध विद्यालयों को बंद करने का अंतिम मौका दिया है। इसके बाद दंडात्मक कार्रवाई तेजी से शुरू करने की चेतावनी दी है। खंड शिक्षा अधिकारियों को स्पष्ट किया गया है कि उनके क्षेत्र में कोई भी विद्यालय बगैर मान्यता के संचालित नहीं होना चाहिए। प्रशासन व बेसिक शिक्षा विभाग का मकसद जुलाई माह तक जिले को अवैध शिक्षण संस्थानों से मुक्त कराना है। इसके लिए गत दिनों जिला प्रशासन ने प्रबंधकों, प्रधानाचार्यों तथा प्रधानाध्यापकों के साथ वृहद बैठक करते हुए अवैध विद्यालयों पर नकेल कसने का भरोसा दिलात हुए मदद मांगी थी।

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-इन विद्यालयों का संचालन बंद-

अंबेडकरनगर : शिक्षा क्षेत्र भीटी, जलालपुर तथा अकबरपुर में पांच अवैध विद्यालय बंद कर दिए गए। इसमें अवध मांटेसरी इंटर कॉलेज इमलीपुर जलालपुर, लखनऊ मेमोरियल ग्रीन गार्डेन स्कूल पहितीपुर के अलावा भीटी शिक्षा क्षेत्र में संत बाल विद्या मंदिर रामबाबा, जेएसएल खानपुर कंद्रियावां तथा डीएन गोस्वामी जूनियर हाईस्कूल बेलबना के संचलकों ने शिक्षण संस्थाओं के बंद करने की लिखित सूचना बीएसए कार्यालय को मुहैया करा दी है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी जेएन ¨सह ने इसकी पुष्टि की है।

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-स्कूलों का नाम को¨चग में रहे बदल-

अंबेडकरनगर : जिला प्रशासन और बेसिक शिक्षा विभाग की सख्ती को देखते हुए अवैध विद्यालय संचालक नए रास्ते तलाशने में जुट गए हैं। ऐसे में स्कूलों का नाम मिटाकर इसे को¨चग संस्था के तौर पर दर्शाए जाने का खेल शुरू कर दिया गया है। हालांकि माध्यमिक शिक्षा विभाग से अनुमति लेकर नियमानुसार ही संचालन किया जा सकता है। बता दें कि को¨चग की कक्षाओं का संचालन विद्यालय की अवधि में नहीं किया जा सकता है। लिहाजा को¨चग सुबह और शाम को ही चल सकती हैं। वहीं को¨चग की मान्यता लेने पर छात्रों की संख्या का विवरण भी दर्ज किया जाता है। इससे अधिक छात्र संख्या पाए जाने तथा को¨चग संचालन के लिए मान्यता की अवधि बीतने पर भी कार्रवाई सुनिश्चित होगी। बीएसए जेएन ¨सह ने इसकी पुष्टि की।


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