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दोहरे चार्ज पर साहब, दफ्तर में छायी वीरानी

अंबेडकरनगर : उद्यम को बढ़ावा देने और उद्यमियों की समस्याओं को दूर करने की खातिर स्थापित जिला उद्योग

By JagranEdited By: Published: Sat, 29 Apr 2017 09:54 PM (IST)Updated: Sat, 29 Apr 2017 09:54 PM (IST)
दोहरे चार्ज पर साहब, दफ्तर में छायी वीरानी

अंबेडकरनगर : उद्यम को बढ़ावा देने और उद्यमियों की समस्याओं को दूर करने की खातिर स्थापित जिला उद्योग केंद्र इन दिनों बदहाली की मार झेल रहा है। विभाग की उदासीनता यहां चरम पर नजर आती है। निजी भवन के साथ ही लाखों रुपये खर्च कर यहां संसाधन मुहैया कराए गए हैं। अधिकारियों और कर्मचारियों की कमी से यहां वीरानी छायी रहती है। इसपर भी विभाग ने यहां तैनात उपायुक्त को फैजाबाद जनपद का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा तो व्यवस्था ही चरमरा गई।

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शनिवार को पूर्वाह्न 11 बजकर आठ मिनट हो रहे थे और जिला उद्योग केंद्र में वीरानी छायी थी। बाहर गेट से दाखिल होने पर कार्यालय के सभी कक्ष तो खुले थे लेकिन खाली पड़ी अधिकांश कुर्सियों पर बैठने वाला ही कोई नहीं दिखा। सबसे पहला कमरा जिला उद्योग केंद्र के उपायुक्त दारा ¨सह का मिला। इसका दरवाजा खुला और पर्दा लटक रहा था। भीतर दाखिल होने पर उपायुक्त की कुर्सी खाली और कमरे में सन्नाटा पसरा था। वहीं बगल के कमरे में बैठे कनिष्ठ सहायक श्यामलाल कामकाज निपटा रहे थे। इनके पास दो चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी बैठे थे। उपायुक्त के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि साहब के पास फैजाबाद का का भी चार्ज है। ऐसे में तीन दिन वे वहां और तीन दिन यहां बैठते हैं। इससे आगे बढ़ने पर एक कमरे में कुर्सी मेज और कंप्यूटर के साथ ही कबाड़ भरा मिला। गंदगी का अंबार भी यहां खूब लगा दिखा। इसी कमरे में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी प्यारेलाल का आशियान और रसोइघर भी बना है। कारण कर्मचारियों की कमी के कारण प्यारेलाल दिनभर चपरासी और रात में चौकीदारी का काम देखते हैं। एक अन्य चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी अजीत कुमार भी मौके पर उपस्थित रहे। हालांकि विभाग से लिपिक पद पर पदोन्नति मिल गई है और वह शनिवार को कार्यभार ग्रहण करने पहुंचे थे। हालांकि साहब के नहीं होने से पुराने पद का ही कार्य करते रहे। अगले कमरे में सभी कुर्सियां खाली रहीं। कंप्यूटर तथा टाइप राइटर को कपड़े से ढककर रखा गया था। इसी बीच करीब साढ़े 11 बजे वरिष्ठ सहायक शिवकुमार तिवारी कार्यालय में दाखिल होते हैं। हालांकि उनका दावा था कि वे सुबह नौ बजे ही कार्यालय पहुंच गए थे। जबकि अन्य कमरों में ताला लटकता रहा। इस बावत जिला उद्योग केंद्र के उपायुक्त दारा ¨सह से मोबाइल पर संपर्क किए जाने का प्रयास किया गया लेकिन कॉल रिसीव नहीं हुई।


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