बंद रहीं दुकानें, बाजार में सन्नाटा
अंबेडकरनगर : राजकीय मेडिकल कॉलेज के छात्रों और ग्रामीणों के बीच संघर्ष का कारण महज अहम का टकराव बना।
अंबेडकरनगर : राजकीय मेडिकल कॉलेज के छात्रों और ग्रामीणों के बीच संघर्ष का कारण महज अहम का टकराव बना। बताया गया कि छात्र कार में बैठकर शराब लेना चाह रहे थे जबकि सेल्समैन ने इंकार कर दिया। घटना को लेकर जहां तनाव की स्थिति बनी है, वहीं विरोध स्वरूप स्थानीय लोगों ने दुकानें बंद कर विरोध प्रदर्शन भी किया। विरोध के कारण कॉलेज परिसर में दूध व सब्जी तक की आपूर्ति नहीं हो सकी। वहीं मामूली विवाद के इतना उग्र रूप धारण करने से पीछे पुलिस की लापरवाही भी कम जिम्मेदार नहीं है। यदि विवाद के शुरुआती दौर में पुलिस ठोस कार्रवाई करती तो शायद इतनी बड़ी घटना न होती। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर पुलिस की कार्य पद्धति में सुधार कैसे आएगा? पुलिस कब संजीदा होगी? क्या घटनाओं के बाद ही उसे कार्रवाई का होश आता है? ऐसे में 100 डायल और गश्त तथा चौकसी के दावों पर भी सवालिया निशान लग रहा है। यह आलम तब है जबकि मेडिकल कालेज परिसर में पुलिस चौकी है। इस पर एक दरोगा सहित दो पुलिसकर्मी व कुछ होमगार्ड तैनात हैं। बताया जा रहा है कि जब शराब की दुकान पर विवाद हुआ। इसके बाद यहां की पुलिस कहीं किनारे हो ली और रात्रि लगभग 10.25 मिनट पर जब तक पुलिस पहुंचती सब कुछ हो चुका था। इतना ही नहीं चौकी प्रभारी ने पहले मामले को हल्के में लेते हुए सूचना एसओ को देता रहा। एसओ ने भी इसे गंभीरता से नहीं लिया। स्थिति बेकाबू होता देख जब चौकी प्रभारी ने सीओ सुधीर कुमार को जानकारी दी तो वह तत्काल हरकत में आए। उनके निर्देश पर टांडा कोतवाल बेचू ¨सह यादव भी पहुंच गए। पता चला कि इलाकाई थाने के एसओ सबसे पीछे पहुंचने वालों में शामिल रहे।
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पहले भी हो चुकी घटना-सद्दरपुर : मेडिकल छात्रों और ग्रामीणों के बीच यह विवाद कोई नया नहीं है। गत होली के दिन भी छात्रों और ग्राम प्रधान के बीच जमकर मारपीट हुई थी। इसमे दोनों ने ही अलीगंज थाने में तहरीर दी थी और इसमें सत्तापक्ष के एक मंत्री और एक विधायक एक-एक पक्ष की पैरवी करने लगे। काफी जदोजहद के बाद दोनों पक्षों में लिखित समझौता भी हुआ था, लेकिन मंगलवार की रात्रि फिर उन्हीं पक्षों में विवाद हो गया।
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प्राचार्य ने गठित की जांच समिति-सद्दरपुर : राजकीय मेडिकल कॉलेज के छात्रों और ग्रामीणों के बीच हुए विवाद के बाद कॉलेज प्रशासन ने सख्त रुख अख्तियार करते हुए दोषी छात्रों पर कड़ी कार्रवाई करने का मन बना लिया है। इसके लिए प्राचार्य डॉ. पीके ¨सह ने चीफ प्रॉक्टर डॉ. सुजीत राय की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय जांच समिति का गठन किया, जो आगामी दो दिन में अपनी रिपोर्ट देगी। जांच कमेटी में डॉ. प्रमोद, डॉ. अर¨वद ¨सह, डॉ. मुकेश राणा, डॉ. वीरेंद्र यादव शामिल हैं। प्राचार्य ने कहा कि दोषी छात्रों को कॉलेज से बाहर कर दिया जाएगा।