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त्रिकोणीय गठजोड़ से बढ़ रहा बस्ते का बढ़ता बोझ

अंबेडकरनगर : निजी विद्यालयों के बच्चों पर दिन-प्रतिदिन बस्ते का बोझ बढ़ता जा रहा है। इसके पीछे प्रका

By Edited By: Published: Wed, 24 Aug 2016 10:35 PM (IST)Updated: Wed, 24 Aug 2016 10:35 PM (IST)
त्रिकोणीय गठजोड़ से बढ़ रहा बस्ते का बढ़ता बोझ

अंबेडकरनगर : निजी विद्यालयों के बच्चों पर दिन-प्रतिदिन बस्ते का बोझ बढ़ता जा रहा है। इसके पीछे प्रकाशकों, शिक्षण संस्थानों, दुकानदारों का गठबंधन है। कमीशनखोरी की बढ़ती प्रवृत्ति इसे और बढ़ावा दे रही है। वहीं शिक्षा में आधुनिकता की चकाचौंध से अभिभावकों की भी आंखें चुधियां गई हैं, वह बच्चों से ज्यादा तंग हो रहे हैं। बच्चों के विकास में बाधक बनी इस अहम समस्या के प्रति प्रशासन व विभाग भी मौन साधे है। विभाग सिर्फ मान्यता देकर समस्या व मानक को भूल जाता है। नतीजतन स्कूल प्रबंधन शिक्षा विभाग द्वारा अधिकृत पुस्तकों को दरकिनार कर मनमाने तरीके से पाठयक्रम व पुस्तकें लागू करता है। जबकि परिषदीय विद्यालयों में कक्षा एक से आठ तक पुस्तकों व कॉपियों की संख्या निर्धारित है। जिले में परिषदीय विद्यालयों की संख्या 1901 विभाग के रिकार्डों में है, लेकिन निजी विद्यालयों का आंकड़ा विभाग के पास नहीं है। इससे विभागीय लापरवाही की ताईद स्वत: हो रही है। जिले के सभी नौ शिक्षा क्षेत्रों में ऐसे विद्यालय गली, मोहल्लों में कुकुरमुत्ते की तरह पनप रहे हैं। परिषदीय विद्यालयों में कक्षा एक में एक, दो में दो, तीन में चार व पांच में पांच-पांच किताबें पढ़ाई जाती हैं। जबकि कक्षा छह, सात व आठ में बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा 12-12 पुस्तकों को अधिकृत किया गया है। इससे इतर निजी विद्यालयों के लिए कोई नियम है न कानून। वहां सिर्फ स्कूल प्रबंधन का फरमान चलता है। जिससे निश्चित प्रकाशक की ही पुस्तकें चलायी जा जाती हैं। ये निर्धारित दुकानों पर ही मंहगें दामों पर उपलब्ध रहती हैं। इससे स्कूल प्रबंधन व पुस्तक विक्रेता का स्वार्थ भी निश्चित रहता है।

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विभाग ने साधी चुप्पी-अंबेडकरनगर : जिले के इतिहास में कभी भी बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा अधिकृत पुस्तकें पढ़ाने के लिए विभाग द्वारा कोई अभियान न कार्रवाई ही हो सकी। इसमें भी निज स्वार्थपरता की बू आती है। ऐसे में बच्चों के बस्तों का बोझ बढ़ना स्वाभाविक है। स्कूली बच्चे इसके बोझ से दबे रहते हैं। हालांकि बस्ते के वजन के बावत जिम्मेदार भी चुप्पी साध लेते हैं।

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बच्चों के बस्ते का बोझ बढ़ना गंभीर समस्या है। इस बाबत सभी खंड शिक्षा अधिकारियों के साथ बैठककर अभियान चलाया जाएगा। साथ ही विद्यालयों में बेसिक शिक्षा परिषद द्वारा अनाधिकृत पुस्तकों को अनिवार्य तथा अमान्य पुस्तकों पर रोक लगायी जाएगी। पालन न होने की दशा में संबंधित के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।

जेएन ¨सह

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी

अंबेडकरनगर


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