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घंटों इंतजार के बाद भी नहीं मिलते डॅाक्टर

अंबेडकरनगर : प्रशासनिक अधिकारियों व शासन की टीम की छापेमारी के बाद भी जिला चिकित्सालय की व्यवस्था म

By Edited By: Published: Wed, 24 Aug 2016 10:35 PM (IST)Updated: Wed, 24 Aug 2016 10:35 PM (IST)
घंटों इंतजार के बाद भी नहीं मिलते डॅाक्टर

अंबेडकरनगर : प्रशासनिक अधिकारियों व शासन की टीम की छापेमारी के बाद भी जिला चिकित्सालय की व्यवस्था में कोई सुधार फिलहाल नहीं दिख रहा। आलम यह है कि चिकित्सक जब मर्जी तब आ रहे। दवाएं व अन्य सुविधाएं भी मयस्सर नहीं हो रही हैं। इसका सबसे बड़ा कारण खुद जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक हैं जो हफ्ते में ज्यादातर बाहर ही रहते हैं। गत माह सीएमओ व एसडीएम सदर के संयुक्त निरीक्षण में तमाम खामियां पाई गईं थी। साथ ही डॉक्टरों व कर्मचारियों की मनमानी भी उजागर हुई थी। जांच के बाद निर्देश दिया गया था कि ओपीडी में नौ बजे से चिकित्सक अवश्य बैठें। इसके बाद एडीएम का निरीक्षण हुआ। इसमें भी पूर्व की कारगुजारियां ही सामने आईं। गैरहाजिर लोगों का वेतन रोकने का निर्देश दिया गया, लेकिन स्थिति जस की तस बनी रही। पिछले सप्ताह लखनऊ की टीम ने निरीक्षण किया तो स्थिति जस की तस रही। इस बीच बुधवार को 11 बजे जिला चिकित्सालय के व्यवस्थाओं पर जागरण टीम ने नजर डाली तो एक बार फिर बदहाल स्थिति सामने आयी। डा.विजय तिवारी के ओपीडी के सामने बैठे इंतजार कर रहे मालीपुर निवासी भीम, भुलईराम निवासी महरुआ, सतेंद्र निवासी कोड़रा, आज्ञाराम निवासी मीरानपुर, तौफीक अहमद निवासी पहीतीपुर आदि ने बताया कि सुबह साढ़े नौ बजे से यहां आए हैं। इंतजार करते साढ़े ग्यारह बज गए, लेकिन अभी तक डॉक्टर नहीं आए। इसी ओपीडी के समक्ष डा. डीपी वर्मा के इंतजार में रामदयाल निवासी सम्मनपुर, रवि निवासी विद्युतनगर, अंजली निवासी कटेहरी सहित दर्जनों की संख्या में लाइन लगाकर मरीज अपनी बारी का इंतजार कर रहे थे। डा. वर्मा अपने ओपीडी में 11 बजे पहुंचे। वैसे इनके बारे में लोग बताते हैं कि देर से आना इनकी आदत सी बन गई है। इसके अलावा कार्यालय में सीएमएस डा. ओपी ¨सह के अलावा लिपिक सुशील द्विवेदी व मीरा ¨सह, राजेश पांडेय भी नदारद थे। कार्यालय में उपस्थित चतुर्थ श्रेणी कर्मी हौसिला प्रसाद ने बताया कि जो अनुपस्थित हैं वे सब कैजुअल लीव लिए हुए हैं। वहीं सीएमएस ने बताया कि लखनऊ में बैठक में भाग लेने के लिए गए हैं। डा. तिवारी आपरेशन थियेटर में थे, जिसकी वजह से ओपीडी में नहीं बैठ सके।


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