समय से ओपीडी में नहीं बैठ रहे चिकित्सक
अंबेडकरनगर : देर से आना जल्दी जाना। यह शगल पुराना है। यह हाल राजकीय मेडिकल कॉलेज में तैनात डॉक्टरों
अंबेडकरनगर : देर से आना जल्दी जाना। यह शगल पुराना है। यह हाल राजकीय मेडिकल कॉलेज में तैनात डॉक्टरों का है। जिले के पांचों विधानसभा सीटों पर सत्तापक्ष का कब्जा है। बावजूद इसके यहां की व्यवस्था में कोई सुधार नहीं हो रहा है। ओपीडी में डॉक्टरों के न तो आने का कोई समय निश्चित रह गया है न जाने का। जब इच्छा हुई आ गए और जब इच्छा हुई चले गए। शनिवार को आधा दिन ही कार्य होता है और 12 बजे तक ही ओपीडी चलती है। ऐसे में सुबह नौ बजकर 55 मिनट पर सर्जरी विभाग में सिर्फ एक कर्मचारी बैठकर पर्चा जमा कर रहा था। तीमारदार शिवप्रसाद का कहना था कि पर्चा तो साढे़ नौ बजे ही कट गया था, लेकिन यहां अभी कोई साहब हैं नहीं। इसके बगल ही मेडसिन विभाग है, जहां भीड़ डॉक्टर का इंतजार कर रही थी। मरीज रामसुभावन यादव के तीमारदार बताते हैं कि लगभग साढे़ दस बज चुके हैं कोई वरिष्ठ चिकित्सक नहीं है। जूनियरों ने इन्हें लखनऊ रेफर कर दिया है। ऐसा ही हाल हड्डी विभाग का था। सर्जरी से उतर कर जब हड्डी विभाग पहुंचे तो वहो भी मरीजों का वही रोना था। समय देखा तो 10 बजकर पांच मिनट हो रहा था। दिमाग में ख्याल आया कि डॉक्टर साहब वार्ड में राउंड लेने गए होंगे तो वहां पहुंच गया, लेकिन लगभग 10 बजकर 13 मिनट पर कुछ तीमारदारों ने बताया की अभी बड़े साहब नहीं आये हैं। यहां से निकल कर नीचे लगभग 10 बजकर 20 मिनट पर बालरोग विभाग पहुंचा तो बाहर मरीजों की संख्या जमी थी। अंदर कुर्सियां खाली पड़ी थीं। इमरान नामक तीमारदार ने बताया की अभी कुछ देर पहले दो महिला कर्मचारी थी, यहां लेकिन डॉक्टर साहब नहीं आए हैं। ऐसा ही हाल महिला रोग विभाग का था जहां मरीज बैठे थे। पर्चा जमा हो रहा था, लेकिन डॉक्टर का कुछ अता पता नही था। शोभावती पत्नी रामदुलार का कहना है कि वह एक्सरे के लिए आई है, लेकिन साढे दस से अधिक का समय हो चुका है अभी यहां कोई काम नहीं हो रहा है।
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ओपीडी में डॉक्टरों की समय से उपलब्धता के लिए दिशा निर्देश जारी किया गया है, जिससे मरीजों को कोई असुविधा न हो। मरीजों का हित सर्वोपरि है। इसका औचक निरीक्षण कर उचित कार्रवाई भी होगी।
डॉ. सुजीत रॉय
प्रभारी प्रधानाचार्य
राजकीय मेडिकल कॉलेज, अंबेडकरनगर