युवा व्यवसायी की हत्या का राजफाश
(अंबेडकरनगर) : गत माह हुए युवा व्यवसायी हत्याकांड में पुलिस ने प्रमुख आरोपी को गिरफ्तार कर घटना के प
(अंबेडकरनगर) : गत माह हुए युवा व्यवसायी हत्याकांड में पुलिस ने प्रमुख आरोपी को गिरफ्तार कर घटना के पर्दाफाश करने का दावा किया। प्रकरण में अन्य एक आरोपी फरार है। पुलिस ने आरोपी की निशानदेही पर हत्या में प्रयुक्त तमंचा भी बरामद करने का दावा किया है।
बता दें कि जहांगीरगंज थाना क्षेत्र के अकथरा नरायनपुर गांव में 15 मार्च की रात दुकान बरामदे में सो रहे गांव निवासी युवा व्यवसायी दीपक के सिर में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। घटना के समय बगल में ही तख्त पर सोये पिता राधेश्याम को इतनी बड़ी घटना के बारे में पता तक नहीं लग सका। बहरहाल पीड़ित भाई गया प्रसाद की तहरीर पर पुलिस ने अज्ञात हत्यारों के विरुद्ध हत्या का मुकदमा दर्ज कर तफ्तीश शुरू दिया। इस दौरान पुलिस ने आधा दर्जन से अधिक युवकों व घटना स्थल के किनारे मादक द्रव्य के कारोबारियों को भी उठाया, हालांकि उनसे कुछ उगलवा न सकी। पुलिस के मुताबिक पीड़ित पिता राधेश्याम ने घटना को अंजाम दे भागते हुए गांव के चित्रसेन ¨सह उर्फ फोनू पुत्र विजय नरायन ¨सह तथा अवधेश पुत्र शिवनरायन ¨सह को देखा, लेकिन खौफ के कारण इंकार करता रहा। बाद में उसने शपथपत्र के जरिए दोनों की नामजदगी कर दिया। एसओ नीरज राय ने बताया कि सर्विलांस के जरिए दोनों आरोपियों की लोकेशन ली जाती रही। इसी बीच उसे गिरफ्तार कर लिया। आरोपी की निशानदेही पर बगल के कब्रिस्तान तिलकटंडा में छिपाकर रखे गए हत्या में प्रयुक्त तमंचे को भी बरामद कर लिया गया। जबकि फोनू का सहयोगी अवधेश ¨सह अभी फरार है। एसओ ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी को जेल भेज दिया गया है।
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इतनी सी बात पर कर दी हत्या-जहांगीरगंज : दीपक हत्याकांड में पुलिस का दावा है कि दीपक शाम के समय पकौड़ा व चाय की दुकान भी लगाता था। घटना के दिन आरोपियों से पकौड़े आदि का पैसा मांगने को लेकर विवाद हुआ था। तब आरोपियों ने उसे रात में निपटा देने की धमकी दिया था। उसी धमकी को रात में अंजाम तक पहुंचा दिया। अब सवाल उठता है कि क्या इतनी सी बात पर हत्या जैसे संगीन जुर्म को अंजाम दे दिया गया या फिर इसके पीछे कुछ खास कारण है? बहरहाल पुलिस की कहानी रहस्य के घेरे में है। इस बीच चर्चा है कि अवैध रूप से मादक द्रव्य का कारोबार करने वाले की इस घटना में अहम भूमिका है, लेकिन पुलिस उस तक नहीं पहुंच सकी। कारण सत्तादल के कतिपय नेताओं का दबाव था।