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स्वास्थ्य मंत्री के क्षेत्र में ही महकमा बीमार

जहांगीरगंज (अंबेडकरनगर) : स्वास्थ्य राज्यमंत्री शंखलाल मांझी की सियासी कर्मभूमि वाले जिले में खैरात

By Edited By: Published: Wed, 18 May 2016 10:55 PM (IST)Updated: Wed, 18 May 2016 10:55 PM (IST)
स्वास्थ्य मंत्री के क्षेत्र में ही महकमा बीमार

जहांगीरगंज (अंबेडकरनगर) : स्वास्थ्य राज्यमंत्री शंखलाल मांझी की सियासी कर्मभूमि वाले जिले में खैराती अस्पतालों की सेहत में लाख प्रयासों के बाद भी सुधार हो पाने की गुंजाइश दूर-दूर तक नजर नहीं आ रही है। चिकित्सकों की मनमानी व उपेक्षापूर्ण कार्यप्रणाली मरीजों व तीमारदारों की परेशानी बढ़ा रही है। चिकित्सकों व कर्मियों की समय से स्वास्थ्य केंद्रों पर उपस्थिति तक सुनिश्चित नहीं हो पा रही है। इसके कारण मरीज झोलाछाप चिकित्सकों व नीम हकीमों के जरिए इलाज कराने को अभिशप्त हैं। जागरण टीम ने पड़ताल में हकीकत सामने आयी।---

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--------दिन-बुधवार।-समय-प्रात: 8.40 बजे।-स्थान-जहांगीरगंज स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र।

प्रभारी सीएचसी अधीक्षक नदारद थे। ओपीडी भी खाली थी, जहां पर कोई चिकित्सक मौजूद ही नहीं था। हां इलाके के दूरदराज से गांव से आने वाले मरीज व उनके तीमारदार ओपीडी खाली देख वापस हो जा रहे थे। कुछेक मरीज औषधि वितरण कक्ष में मौजूद फार्मासिस्ट सतीश मिश्र से राय मशविरा कर दवाओं के बाबत जानकारी हासिल कर रहे थे। दो दर्जन नियमित एवं 25 संविदा कर्मियों की तैनाती वाली इस सीएचसी पर प्रात: नौ बजे तक महज फार्मासिस्ट की ही अकेले उपस्थिति सुनिश्चित हो पाई थी। कार्यालय प्रयोगशाला कक्ष समेत कई अन्य कक्ष या तो बंद थे या फिर खाली पड़े थे। महिला चिकित्सक डॉ. निर्मला वर्मा व चिकित्सक डॉ. दीपक मौर्य का भी अस्पताल व परिसर में कहीं अता-पता नहीं था जबकि परिसर में चिकित्सकों व कर्मियों के लिए दर्जनों आवास बने हुए हैं। बताया जाता है कि डॉ. निर्मला वर्मा अकबरपुर व डॉ. दीपक मौर्य बसखारी से कभी-कभार ही लेट आ पाते हैं। परिसर में जागरण टीम की आहट भांप घरेलू लिबास में चिकित्सक केके शर्मा प्रकट हो गए। कैमरे का फ्लैश अस्पताल भवन पर पड़ते ही वह फोटो शूट करने की वजह पूछने लगे। इतना ही नहीं वह अपना आपा खोते हुए इस कदर आग बबूला हुए कि उन्होंने पुलिस बुलाने की धमकी दी। हालांकि बाद में पूरी नजाकत भांपते ही उनके तेवर काफी ढीले पड़ गये और वह तत्काल अस्पताल से अपने आवास की ओर निकल लिए। बाद में कपड़े आदि बदलकर लगभग 10 बजे वह अस्पताल में वापस आए।

बता दें कि इसके पूर्व औषधि वितरण कक्ष में मौजूद फार्मासिस्ट सतीश मिश्र ने भी पहले तो फोटो शूट करने से मना किया, बाद में चिकित्सक से ही पूछकर फोटो शूट करने की बात कही। जब चिकित्सक के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि डॉ. केके शर्मा प्रसव कक्ष में हैं, लेकिन प्रसव कक्ष में डॉ. शर्मा क्या कोई भी नहीं था। वहां बाद में ही कहीं से घरेलू लिबास में प्रकट हुए थे। अब सवाल उठता है कि सीएचसी के खुलने व बंद होने का समय प्रात: आठ बजे से अपराह्न दो बजे तक नियत है। इसके अलावा इमरजेंसी तथा मारपीट एवं अन्य घटनाओं में घायलों का मेडिकोलीगल भी सीएचसी पर ही किया जाना है। बावजूद इसके रात्रि तो दूर दिन में भी 10 बजे तक चिकित्सकों व र्किमयों की उपस्थिति नहीं हो पा रही है। प्रभारी सीएचसी अधीक्षक डॉ. उदयचंद से जब दूरभाष पर मौजूदगी के बाबत पूछा गया तो उन्होंने कहा कि बुधवार को टीकाकरण होना रहता है। वह क्षेत्र में डिब्बे पहुंचाने में लगे हैं।


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