बेजुबानों का रखें ख्याल, बासी चारा कतई न खिलाएं
अंबेडकरनगर : सर्दी का मौसम आ गया है। यह मौसम पशुओं पर भी भारी पड़ सकता है। पशुओं व उनके नवजात बच्चे क
अंबेडकरनगर : सर्दी का मौसम आ गया है। यह मौसम पशुओं पर भी भारी पड़ सकता है। पशुओं व उनके नवजात बच्चे की सेहत बिगड सकती है। बीमारियों से बचाव के लिए कुछ एहतियात बरतना जरूरी है। सर्दी के मौसम में पशुओं को निमोनिया का रोग व पेट में कीडे़ पडने की ज्यादा संभावना होती। साथ ही पाचन तंत्र की गडबडी, व श्वास तंत्र की बीमारियां हो सकती हैं। निमोनिया से बचाने के लिए ठंडक से बचाव करना चाहिए। इसके लिए पशुशाला में आने वाली हवा को रोकने के इंतजाम किए जाने चाहिए। पुआल डालकर भी राहत पहुंचायी जा सकती है। पेट में कीडा पडने से बचाने के लिए ठंड में हमेशा ताजा पानी पिलाना चाहिए। ठंड शुरू होने से पहले ही कीडारोधी दवा पिला देना चाहिए। पाचनतंत्र को सही रखने के लिए रात का भीगा हुआ चारा सुबह नहीं खिलाना चाहिए। दुधारू जानवरों के चारे में खली की मात्रा को बढा देना चाहिए। नवजात पशुओं को कभी भी सरसों व तिल्ली का तेल नहीं पिलाना चाहिए। पशुचिकित्साधिकारी डॉ. अशोक मिश्र ने बताया कि सर्दी के मौसम में पशुओं को रात्रि के समय में रहने के लिए ऐसी जगहों का इस्तेमाल किया जाए जहां हवा न लगे। सुबह धूप में रखा जाए। किसी भी पशु में बीमारी की आशंका हो तो उसे तुरंत ही पशु अस्पताल में चिकित्सकों को दिखाकर उचित इलाज कराएं, सभी अस्पतालों पर दवाएं भी उपलब्ध हैं।