हजारों श्रद्धालुओं लगाई आस्था की डुबकी
अंबेडकरनगर : बुधवार को कार्तिक पूर्णिमा पर घाघरा नदी के तट पर स्थित घाटों पर आस्थावानों की भीड़ उमड़ी।
अंबेडकरनगर : बुधवार को कार्तिक पूर्णिमा पर घाघरा नदी के तट पर स्थित घाटों पर आस्थावानों की भीड़ उमड़ी। हजारों श्रद्धालुओं ने घाघरा नदी के पवित्र जलधारा में डुबकी लगा स्नान किया। मनोकामनाओं को लेकर सत्यनरायण व्रत कथा सुनी। कड़ाही चढ़ाया, बच्चों के मुंडन संस्कार कराए। मंदिर में पूजा-अर्चना कर दानकर पुण्य लाभ कमाया। टांडा संवादसूत्र के मुताबिक घाघरा नदी के हनुमानगढ़ी घाट पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। हजारों श्रद्धालु सुबह होते ही घाघरा नदी के हनुमानगढ़ी आदि घाटों पर जलधारा में डुबकी लगाने पहुंचे। नगर के सभी मार्गों पर श्रद्धालुओं की टोली बच्चों, महिलाओं के साथ सिर पर गट्ठर लादे आगे बढ़ती दिखी। उदासीन आश्रम बड़ा फाटक के महंथ चंद्रप्रकाश त्रिपाठी ने बताया कि शास्त्रों में कार्तिक पूर्णिमा का बड़ा महत्व है। सिख पंथ के गुरु गुरुनानक देव का जन्मदिन होने के साथ ही दान-पुण्य की यह पूर्णिमा है। शुकुलबाजार संवादसूत्र के मुताबिक कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर श्रद्धालु सरयू नदी के विभिन्न घाटों पर स्नान, दान कर उनका पूजन-अर्चन करते रहे। इस अवसर पर नदी किनारे जगह-जगह मेला भी लगा। रामबाग एवं कम्हरियाघाट पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी। शांति व्यवस्था को बनाए रखने के लिए प्रशासन द्वारा प्रत्येक घाटों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। सीओ आलापुर आरपी ¨सह ने बताया कि स्नानार्थियों की सुविधा के मद्देनजर प्रत्येक स्नान स्थल पर पर्याप्त पुलिस बल तैनात किया गया था, जिससे पूर्णिमा स्नान सकुशल संपन्न हो गया।
गंदगी के कारण हुई परेशानी
शुकुलबाजार : पूर्णिमा स्नान के लिए सरयू नदी में श्रद्धालुओं को चहुंओर गंदगी का सामना करना पड़ा। कुछ श्रद्धालु तो नाव से बीच धारा में जाकर स्नान किए। बताया जाता है कि दुर्गापूजा एवं दीपावली का त्योहार बीतने के बाद लोगों द्वारा मूर्ति विसर्जन नदी में किया गया था। इस कारण बचे हुए अवशेष प्रदूषण का कारण बने।