पटाखों का शौक पड़ सकता है भारी
अंबेडकरनगर: दीपावली पर्व पर पटाखों का शौक जीवन पर भारी पड़ सकता है। पटाखों से निकलने वाला धुआं वातावर
अंबेडकरनगर: दीपावली पर्व पर पटाखों का शौक जीवन पर भारी पड़ सकता है। पटाखों से निकलने वाला धुआं वातावरण में ध्वनि एवं वायु प्रदूषण की बढ़ावा देता है। जिससे आमजन गंभीर बीमारी का शिकार हो सकता है। वहीं इससे हादसों का भय बरकरार रहता है।
दीपावली पर्व रावण का वधकर भगवान राम के अयोध्या वापस लौटने की याद में मनाया जाता है। इस दिन अयोध्या को दीपों से सजाया गया था। जिसके बाद से ही यह पर्व निरंतर मनाया जाता है। लेकिन मौजूदा परिवेश में लोग पर्व के मौके पर जमकर पटाखा फोड़ते हैं। जिससे धनहानि के साथ ही वातावरण पर दुष्प्रभाव पड़ता है। जिससे लोगों में बीमारी को बढ़ावा मिलता है।
जिला चिकित्सालय में तैनात बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. आर के ¨सह बताते हैं कि दीपावली पर्व पर लोग जिन पटाखों को प्रयोग करते है। वह सल्फर, फास्फोरस समेत अन्य खतरनाक पदार्थों के मिश्रण से तैयार किया जाता है। इन पटाखों से निकलने वाले धुंए से वायु प्रदूषण को बढ़ावा मिलता है। पटाखों से निकलने वाली कार्बनडाई आक्साइड एवं मोनोडाई आक्साइड गैस वातावरण को दूषित कर देती है। जिससे सबसे अधिक खतरा सांस के रोगियों को होता है। वातावरण में ऐसी गैसों की अधिकता होने पर ऐसे मरीजों को सांस लेने में परेशानी हो सकती है। वहीं कभी कभी ऐसे रोगियों को अपनी जान भी गवानी पड़ सकती है। वहीं अधिक ध्वनि के पटाखे फोड़ने से ध्वनि प्रदूषण को बढावा मिलता है। ऐसे पटाखों के प्रयोग से सुनने की शक्ति पर दुष्प्रभाव पड़ता है। वहीं तेज ध्वनि के पटाखों से यदा कदा सुनने की क्षमता समाप्त हो सकती है। वहीं पटाखे फोड़ने के दौरान लापरवाही बरतने पर लोग हादसों का शिकार हो सकते ह । ऐसे में दीपावली पर्व पर पटाखों से लोगों को परहेज करना चाहिए।
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-पटाखे न फोड़ने से बचेगा धन, कम होगा प्रदूषण
अंबेडकरनगर : नगर के ऊचेगांव मुहल्ला निवासी अंशज वर्मा कहते हैं कि दीपावली पर्व को शांतिपूर्ण ढंग से मनाना चाहिए। इस दिन पटाखे फोड़ने के बजाय घरों को रंग-बिरंगी रोशनी से सराबोर करना चाहिए। जिससे वातावरण को होने वाले नुकसान को रोका जा सके। फूलपुर निवासी प्रदीप त्रिपाठी कहते हैं कि दीपावली पर्व पर पटाखों को फोड़ने से परहेज करना चाहिए। इससे वातावरण में ध्वनि एवं वायु प्रदूषण को बढावा मिलता है। जिसका प्रभाव सभी पर पड़ता है। सरस्वतीपुरम कालोनी निवासी अंश शास्त्री कहते हैं कि पटाखा फोड़ने से पलभर का सुख मिलता है। वहीं लाखों रुपये को लोग धुंए में उड़ा देते हैं। इसलिए दीपावली के दीन पटाखे फोड़ने के बजाय गरीबों की मदद करनी चाहिए। जिससे उनकी भी दीपावली मन सके। ऊचेगांव निवासिनी अंशिका मिश्रा कहती है कि दीपावली के दिन लोगों को पटाखे नही फोड़ने चाहिए। इससे होने वाले प्रदूषण का प्रभाव सभी पर पड़ता है। जिससे लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। अमेश्वर कहते है कि दीपावली पर्व पर पटाखों से निकलने वाला धुंआ वातावरण को प्रदूषित करता है। जिससे गंभीर बीमारी फैलती है। इसलिए लोगों को समाज की सुरक्षा के लिए पटाखा फोड़ने से परहेज करना चाहिए।
अंबेडकरनगर : विश्व ¨हदू परिषद के जिलाध्यक्ष रामआशीष मिश्र कहते हैं कि दीपावली पर्व पर लोगों को पटाखों से परहेज करना चाहिए। इस दिन पटाखे फोड़ने के बजाय लोगों को घरों को रोशन कर गरीबों की मदद करनी चाहिए। कारण पटाखों से निकलने वाली जहरीली गैस लोगों के लिए बिमारी का सबब बनती है। इसलिए हम सभी को इस वर्ष पटाखा न फोड़ने का प्रण लेना चाहिए।