स्नेह, प्रेम और संकल्प के बीच बरसा प्यार
अंबेडकरनगर : राखी, रक्षा सूत्र अथवा रक्षाबंधन मात्र त्योहार, पर्व अथवा उत्सव ही नहीं यह स्नेह, प्रेम
अंबेडकरनगर : राखी, रक्षा सूत्र अथवा रक्षाबंधन मात्र त्योहार, पर्व अथवा उत्सव ही नहीं यह स्नेह, प्रेम और संकल्पों का महान अवसर है। भाई-बहनों के बीच परस्पर प्रेम की अनुभूति एवं समाज में जातिवाद एवं समुदायों के बीच खाईं को पाटने वाला है यह मौका। इन्हीं मान्यताओं के साथ हर ओर खुशी और सौहार्द का माहौल जब बना तो महाउत्सव सरीखा रहा। शनिवार को जिलेभर में रक्षाबंधन पर इस अवस्था को करीब से देखने को मिला। टांडा के समाजसेवी व प्रमुख व्यवसायी धर्मवीर बग्गा को राखी बांधने पहुंचीं समाज के विभिन्न वर्गों की महिलाएं। यह वह महिलाएं थीं जिनका घर-परिवार इस समाजसेवी की कृपा से आबाद हुआ। मुस्लिम महिलाओं में गुड़िया, बब्ली तथा ¨हदू महिलाओं में दुर्गा, रीना, शकुंतला व कंचन जब इस भाई के हाथ में राखी बांधने लगीं तो उनकी आंखों से आंसू तक छलक पड़े। बोलीं कि वह सगे भाई को नहीं जानतीं, लेकिन आप ही हमारे लिए सब कुछ हो। इसी तरह प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विवि की संचालिका बीके शोभा के सानिध्य में स्नेह मिलन एवं रक्षाबंधन कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें सह संचालिका बीके सरिता ने सभी भाई बहनों को तिलक लगाकर व राखी बांधकर एक-एक खराब आदतों से छुटकारा पाने का संकल्प दिलाया। इसमें प्रभाकर, शिवनायक, शैलेंद्र, सौरभ, व लीलावती आदि शामिल थे। रक्षा सूत्र के महत्व को बताते हुए शोभा बहन ने कहा कि मस्तक पर चंदन का तिलक शुद्ध, शीतल व सुगंधित जीवन जीने की प्रेरणा देता है। इसी तरह तिलक दाएं हाथ से किया जाता है और राखी भी इसी हाथ में बांधी जाती है। यह विधि हमें प्रेरणा देती है कि हम राइट अर्थात सकारात्मक ¨चतन करते हुए सद कर्म करें जिससे आत्मा अनिष्ट परिणामों से दुखी व अशांत होने से सुरक्षित रहेगी। इसी तरह जिला मुख्यालय से लेकर ग्रामीण अंचल तक हर ओर राखी की धूम रही। बहनों ने भाइयों को राखी बांध सुरक्षा का वादा दिलाया। भाइयों ने उन्हें तोहफे देने के साथ ही अटूट रिश्ता निभाने का संकल्प लिया।
बसों में चढ़ने को मारामारी : रक्षाबंधन पर आवागमन के लिए परिवहन निगम की ओर से अतिरिक्त प्रबंध नहीं किए गए। इस कारण यात्रियों को गंतव्य तक पहुंचने के लिए परेशानी व जलालत झेलनी पड़ी। रोडवेज बस अड्डे पर यात्रियों की भीड़ उमड़ी बस आने पर उसमें चढ़ने को मारामारी रही। इस दौरान सर्वाधिक परेशानी महिला यात्रियों को उठानी पड़ी जो धक्के खाने को विवश हुईं।
गायत्री मंदिर में दुग्धाभिषेक : नगर स्थित गायत्री मंदिर में श्रावण पूर्णिमा पर दुग्धाभिषेक किया गया। इस दौरान महिलाओं की ज्यादा संख्या रही। श्रद्धालुओं ने बताया कि सावन पूर्णिमा पर शिव¨लग पर दूध चढ़ाने का विशेष महत्व है।
मुंह बोले भाई को बांधी राखी
किछौछा : बसखारी में दिव्या पांडेय ने अपने मुंह बोले भाई इमरान खां को राखी बांधकर भारतीय परंपरा की मिसाल पेश की। वहीं राखी भेजने के लिए दूरदराज रहने वाले भाइयों के खातिर स्पीड पोस्ट तथा पार्सल का भी सहारा लिया गया।
मिठाई की दुकानों पर लगी भीड़ हंसवर : रक्षाबंधन उल्लास के साथ मनाया गया। क्षेत्र के प्रमुख चौराहों तथा बाजारों में सुबह से ही मिठाई एवं राखी की दुकानें सज गई। खरीददारों की भीड़ के चलते मिष्ठान भंडारों पर दोपहर बाद सन्नाटा छा गया। दुकानों पर मिठाइयां खत्म हो गई।