अभियान : फुटपाथ पर संचालित हो रहा वाहन स्टैंड
जहांगीरगंज (अंबेडकरनगर) : यहां ठेले-खोमचे वालों को छोड़िए सडक की दोनों पटरियों पर टैक्सी वालों ने कब्
जहांगीरगंज (अंबेडकरनगर) : यहां ठेले-खोमचे वालों को छोड़िए सडक की दोनों पटरियों पर टैक्सी वालों ने कब्जा जमा रखा है। इनके अधिपत्य से राहगीर यदि बचते-बचते न चलें तो उनके लिए दुर्घटना का खतरा हमेशा बना रहता है। यह हाल है जहांगीरगंज कस्बे के पूर्वी छोर तिराहे का। यहीं से दक्षिण पूर्व को निकली सड़क ककरापार, अलऊपुर, असनारा, देवरिया बाजार समेत तेंदुआईकला में स्थित जहांगीरगंज ब्लॉक मुख्यालय को तथा आगे कई गांवों से निकलते हुए राजेसुल्तानपुर व महाराजगंज हाते हुए आजमगढ़ मुख्यालय को जोड़ती है। सीधे पूर्व को जाने वाली सड़क महमदपुर, प्रसिद्ध देवी स्थल भुजहिया माता मंदिर, गिरैयाबाजार, सरयूनगर बाजारों व दर्जन भर गांवों को जोड़ते हुए सीधे कम्हरिया घाट व इसी घाट पर निर्मित पीपा पुल से नदी उस पार गोरखपुर जिले से भी आवागमन होता रहता है। ऐसे में जहांगीरगंज कस्बे का तिराहा ही इन सड़कों से आने वालों का संगम स्थल है। जिससे यहां प्रात: से ही देर रात तक भीड़भाड़ रहती है। इस भीड़ में पैदल राहगीरों व साइकिल सवारों की संख्या काफी रहती है। तीनों तरफ निकलने वाली सड़क के दोनों तरफ पटरियों का वजूद यहां अतिक्रमणकारियों ने कब्जा जमाकर समाप्त कर रखा है। रही-सही कसर टैक्सी वाहन चालकों ने पूरी कर दिया है। आधी सड़क से लेकर पटरियों व फुटपाथ के शेष बचे हिस्सों पर भी चालक अपने वाहनों को आड़े-तिरछे खड़े करके सवारियां भरते रहते हैं। इसके कारण आवागमन यहां काफी दुरूह हो जाता है। हमेशा जाम लगता रहता है। ऐसी स्थिति कस्बे में तब है जबकि बगल में ही चंद कदम की दूरी पर स्थानीय थाना स्थित है। राजेसुल्तानपुर जाने वाले मार्ग पर टैक्सी वालों के अलावा खुले में चौकियां लगाकर मांस विक्रेताओं ने भी अपेन तंबू गाड़ रखे हैं। पटरियों पर स्थित इन दुकानों से भी आम लोगों को विषम परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है।
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-बड़ी समस्या दूर करने को लेना होगा कड़ा फैसला- दुर्गपूर गांव निवासी प्रदीप कुमार ¨सह उर्फ मुन्ना कहते हैं कि यहां सड़क की पटरियों को अतिक्रमण मुक्त कराने की ²ढ़ इच्छा शक्ति का प्रशासन के पास अभाव है। अन्यथा यह समस्या कभी पनपती ही नहीं। रतुआपार गांव निवासी संजय ¨सह कहते हैं कि तिराहे पर तो जनसामान्य का चलना तो मुश्किल है ही टैक्सी वालों की मनमानी का भी राहगीरों को शिकार होना पड़ता है। सहसा गांव के निवासी केदारनाथ मिश्र कहते हैं कि प्रमुख स्थानों पर कम से कम पुलिस की ही मौजूदगी हो तो अतिक्रमण के चलते लगने वाले जाम से तो छुटकारा मिल सकता है। तिराहे के ही निवासी अभिषेक त्रिपाठी कहते हैं कि टैक्सी वाहनों के अतिक्रमण के चलते घरों व दुकानों से निकलना मुश्किल हो जाता है। स्थानीय मसाला कारोबारी प्रमोद गौड़ कहते हैं कि सामान्य तरीके से तिराहे के किसी मार्ग से निकलना मुश्किल होता है। मकदूमपुर निवासी पप्पू कहते हैं कि समस्या बड़ी है। फैसला भी प्रशासन को बड़ा ही करना होगा, तभी समस्या खत्म हो सकेगी।
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-ऊपर से निर्देश मिले तो कार्रवाई-थानाध्यक्ष ज्ञानेंद्र ¨सह कहते हैं कि तिराहे पर अतिक्रमण की समस्या गंभीर है। पुलिस कर्मियों का आना-जाना लगा रहता है। प्रशासनिक स्तर पर ऊपर से पहल हो तो टैक्सी हटाकर अन्यत्र किया जाए व अतिक्रमण हटवाया जाए
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-कोशिश शुरू की जाएगी-लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता एके श्रीवास्तव ने बताया कि हालांकि अतिक्रमण हटाने की अभी कोई योजना नहीं है। फिर भी इसके लिए कोशिश शुरू की जाएगी।
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त्योहार का वास्ता-एसडीएम महेंद्र प्रसाद ने बताया कि त्योहारों के बाद इस समस्या पर ध्यान दिया जाएगा। अवैध कब्जेदारों पर कार्रवाई जरूर होगी।