यहां तो योजना ही नहीं हो सकी लागू
अंबेडकरनगर : नगरपालिका परिषद प्रतिवर्ष नगर क्षेत्र में विकास के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च कर रही है।
अंबेडकरनगर : नगरपालिका परिषद प्रतिवर्ष नगर क्षेत्र में विकास के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च कर रही है। लेकिन पालिका क्षेत्र के विकास के लिए शासन द्वारा बनाई गई महात्वाकांक्षी योजना यहां लागू नहीं हो सकी। जेएनएनआरएमयू योजना के लागू न होने से पालिका क्षेत्र के विकास को गति नहीं मिल सकी। इसका खामियाजा नगरवासियों को भुगतना पड़ रहा है। नगर पालिका परिषद के कुल 25 वार्डो में करीब सवा लाख की आबादी निवास करती है। पालिका द्वारा नगरवासियों को पेयजल, सफाई समेत अन्य सुविधाएं प्रदान करने का दायित्व है। पालिका इन सुविधाओं के एवज में नगरवासियों से शुल्क वसूल करता है। पालिका द्वारा नगर क्षेत्र के मुहल्लों में पिचमार्ग, सीसी मार्ग, इंटरला¨कग सड़कों का निर्माण विकास के ²ष्टिकोण से अहम है। विकास के नाम पर पालिका ने वित्तीय वर्ष 2014-15 में बारह करोड़ रुपये खर्च किया था। जबकि वित्तीय वर्ष 2013-14 में पालिका प्रशासन ने नगर में विकास में नाम पर करीब साढे आठ करोड़ रुपये खर्च किए थे। पालिका का विकास उस स्तर पर नहीं हो सका जिसकी शासन ने कल्पना की थी।
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अशोक चौरसिया कहते हैं कि पालिका प्रशासन जनता से शुल्क वसूलने पर जोर दे रहा है। वहीं समस्याओं का निराकरण होन पर लोग स्वंय कर का भुगतान कर देंगे। ऐसे में पालिका को शून्य अंक दिया जा सकता है।
खादिम अब्बास कहते हैं कि पालिका प्रशासन विकास कार्यों के प्रति गंभीर नही है। जिसके अभाव में परेशानियां यथावत बरकरार हैं। ऐसे में पालिका को एक अंक देंगे।
संतोष कुमार कहते हैं कि पालिका प्रशासन विकास का दावा कर रही है, लेकिन पहले से मौजूद समस्याओं का निराकरण अभी तक नही करा सकी है। नालियों व सड़कों की सफाई तक नहीं हो रही है। ऐसे में पालिका को दो अंक दिया जाएगा।
रामप्रसाद कहते हैं कि पालिका परिक्षेत्र में समस्याओं के निराकरण के लिए पालिका प्रशासन को गंभीर होना होगा। विकास कार्यों के दावे करने से समस्याओं का निराकरण नहीं होगा। पालिका की इस कार्यप्रणाली के लिए शून्य अंक देंगे।
बब्लू कसौंधन कहते हैं कि पालिका प्रशासन नगरवासियों से शुल्क वसूल कर बजट में इजाफा तो कर लेता है। लेकिन उसके सापेक्ष लोगों को सुविधाएं प्रदान नही कर पा रहा है। ऐसे में पालिका को तीन अंक देंगे।
जमालुद्दीन खां कहते हैं कि पालिका प्रशासन इंटरला¨कग एवं नालियों का निर्माण कराकर विकास का दावा कर रहा है। जबकि नगरवासियों को वर्षों से बरकरार समस्याओं से निजात नही मिल सकी है। ऐसे में पालिका को शून्य अंक देंगे।
मिठाईलाल कहते हैं कि पालिका प्रशासन नियोजित विकास नही कर रहा है। इस कारण समस्याओं का निराकरण भी नही हो पा रहा है। ऐसे में पालिका को दो अंक दूंगा।
रमेश कुमार कहते हैं कि पालिका प्रशासन प्रतिदिन व्यवस्थाओं पर हजारों खर्च करने का दावा किया जाता है। लेकिन इस खर्च का नगरवासियों को कोई लाभ नही मिल पा रहा है। ए से में पालिका को एक अंक मिल सकता है।-------------------------
अविनाश कहते हैं कि पालिका प्रशासन नगरवासियों की समस्याओं के निराकरण करने के बजाय बजट को बढाने की कवायद में मस्त है। इस कारण लोगों को समस्याओं से जुझना पड़ रहा है। ऐसे में पालिका को एक अंक दिया जाता है।
जियावन कहते हैं कि पालिका प्रशासन नगरवासियों की समस्याओं के प्रति गंभीर नही है। नागरिकों की आवश्यकता के सापेक्ष विकास कार्य नही करा रहा है। इससे समस्याए बरकरार हैं। ऐसे में पालिका को दो अंक दूंगा।