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हद कर दी आपने : पहले शिकायत फिर करते सिफारिश

अंबेडकरनगर : आलापुर विधायक भीम प्रसाद सोनकर इन दिनों प्रशासनिक सुर्खियों में हैं। क्षेत्र में विकास

By Edited By: Published: Mon, 13 Jul 2015 10:51 PM (IST)Updated: Mon, 13 Jul 2015 10:51 PM (IST)
हद कर दी आपने : पहले शिकायत फिर करते सिफारिश

अंबेडकरनगर : आलापुर विधायक भीम प्रसाद सोनकर इन दिनों प्रशासनिक सुर्खियों में हैं। क्षेत्र में विकास कार्य से लेकर विभागों, ठेकेदारों और कर्मचारियों की शिकायत कर जांच कराने की मांग करते हैं। उधर जांच शुरू होते ही विधायक अपनी ही शिकायत गलत बताते हुए जांच बंद कर कार्रवाई नहीं किए जाने की सिफारिश करने लगे हैं। ऐसे अभी तक दो मामले संज्ञान में आ चुके हैं। हाल के एक मामले में ग्रामीण अभियंत्रण विभाग तथा ठेकेदार पर लगाए गए आरोप से विधायक पलट गए हैं।

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केस एक : आलापुर विधायक भीम प्रसाद सोनकर ने गत 24 अप्रैल को जिलाधिकारी को शिकायती पत्र भेजते हुए ग्रामीण अभियंत्रण विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा मनचाहे ठेकेदार को कार्य दिए जाने तथा भ्रष्टाचार में लिप्त होने का आरोप लगाया था। इसमें कहा गया था कि सहसा बैरी बुजुर्ग में पुल के निर्माण के लिए निविदा को मैनेज करते हुए चहेते ठेकेदार को बगैर अनुभव प्रमाण के कार्य सौंपा गया है। इसी प्रकार लोहिया ग्राम बरोहीपुरा पांडेय में संपर्क मार्गों के निर्माण तथा कार्य दिए जाने में लापरवाही किए जाने का आरोप लगाया था। इसमें अवर अभियंता से लेकर अधिशासी अभियंता पर ठेकेदारों से सांठगांठ किए जाने की बात कही थी। मामले में जिलाधिकारी से स्वयं की देखरेख में जांच कराए जाने का आग्रह किया गया था। प्रकरण में जांच शुरू होते ही विधायक अपनी ही शिकायत से पलट गए। उन्होंने उक्त प्रकरण को लेकर गत 18 जून को दोबारा जिलाधिकारी को पत्र लिखा है। इसमें कहा है कि पूर्व में की गई शिकायत का मैं परीक्षण करा लिया हूं, जो कि बहुत शिकायत योग्य नहीं है। ऐसे में ठेकेदार के विरुद्ध जांच की कोई कार्रवाई न की जाए। उक्त पत्र मिलने के बाद मुख्य विकास अधिकारी डॉ. मन्नान अख्तर ने जिलाधिकारी को अवगत कराया है। इसके साथ प्रकरण की जांच आख्या भी डीएम को सौंपी गई है।

केस दो : विधायक ने खाद्य निरीक्षक के विरुद्ध शिकायत करते हुए खाद्यान्न चोरी, कालाबाजारी समेत विभिन्न अनियमितताएं किए जाने का आरोप लगाया था। उक्त प्रकरण में भी जांच शुरू होते ही विधायक अपनी शिकायत से पलट गए थे। तदुपरांत प्रशासन को लिखे गए पत्र में कहा गया था कि समर्थकों की ओर से उन्हें गुमराह किया गया था। जबकि आरोपी अधिकारी बेहद कर्मठशील है। यही नहीं विधायक ने उक्त अधिकारी की तैनाती को उक्त क्षेत्र में बनाए रखने की भी सिफारिश की थी।


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