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स्मार्ट सिटी : करोड़ों खर्च, धरातल पर नहीं विकास

अंबेडकरनगर : नगरपालिका परिषद प्रतिवर्ष नगर क्षेत्र में विकास के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च कर रही है।

By Edited By: Published: Mon, 13 Jul 2015 10:51 PM (IST)Updated: Mon, 13 Jul 2015 10:51 PM (IST)
स्मार्ट सिटी : करोड़ों खर्च, धरातल पर नहीं विकास

अंबेडकरनगर : नगरपालिका परिषद प्रतिवर्ष नगर क्षेत्र में विकास के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च कर रही है। विकास के मद में खर्च की जाने वाली धनराशि का उपयोग धरातल पर नजर नही आ रहा है। ऐसे विकास का नगरवासियों को लाभ नहीं मिल पा रहा है। नतीजतन लोगों को परेशानियों करा सामना करने को विवश होना पड़ रहा है। गौरतलब है कि नगर क्षेत्र के विकास के लिए जेएनएनआरएमयू योजना यहां लागू नहीं हो सकी है। पालिका द्वारा नगर क्षेत्र के मुहल्लो में पिचमार्ग, सीसी मार्ग, इंटरला¨कग सड़कों का निर्माण विकास के ²ष्टिकोण से अहम है। सबसे अधिक खर्च सड़कों एवं नालियों के निर्माण पर हो रहा है। वित्तीय वर्ष 2014-15 में कर व उपभोक्ता शुल्क एवं अन्य राजस्व आय का निकाय के बजट में जहां दो करोड़ 15 लाख 72 हजार का हिस्सा रहा। वहीं वित्तीय वर्ष 2013-14 में दो करोड़ पांच हजार रुपये ही आय के जरिए बजट में जुड़ सका। विकास के नाम पर पालिका ने वित्तीय वर्ष 2014-15 में बारह करोड़ रुपये खर्च किया था। जबकि वित्तीय वर्ष 2013-14 में पालिका प्रशासन ने नगर में विकास में नाम पर करीब साढे आठ करोड़ रुपये खर्च किए थे।

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दो अंक

वीरेंद्र बहाद़ुर ¨सह कहते हैं कि पालिका प्रशासन जनता से शुल्क वसूल कर पालिका का कोष भले ही भर ले। लेकिन यहां विकास कार्य नियोजित नही हैं। ऐसे में पालिका को दो अंक दिया जा सकता है।

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एक अंक

किशन कुमार कहते हैं कि पालिका प्रशासन विकास कार्य के मद में प्रतिवर्ष करोड़ों रुपये खर्च कर रही है। लेकिन इसका लाभ नगरवासियों को नही मिल पा रहा है। सड़क, नाली व अन्य कार्य अधूरे हैं। ऐसे में पालिका को एक अंक देंगे।

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दो अंक

आशीष मोदनवाल कहते हैं कि पालिका प्रशासन विकास का दावा कर रही है, लेकिन पहले से मौजूद समस्याओं के निराकरण के प्रति गंभीर नही है। नालियों व सड़कों की सफाई तक नहीं हो रही है। ऐसे में पालिका को दो अंक दिया जाएगा।

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दो अंक

रामजग कहते हैं कि पालिका परिक्षेत्र में समस्याओं के निराकरण के लिए पालिका प्रशासन को प्रभावी पहल करनी होगी। महज विकास कार्यों के दावे करने से समस्याओं का हल नहीं होगा। पालिका की इस कार्यप्रणाली के लिए दो अंक देंगे।

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एक अंक

सादिक हुसैन कहते हैं कि पालिका प्रशासन नगरवासियों से शुल्क वसूल कर बजट में इजाफा करने में लगा है उसे नगरवासियों की परेशानियों से कोई सरोकार नही है। ऐसे में पालिका को एक अंक देंगे।

एक अंक

कोमल प्रसाद कहते हैं कि पालिका प्रशासन इंटरला¨कग एवं नालियों का निर्माण कराकर विकास का दावा कर रही है। जबकि नगरवासियों की मूलभूत आवश्यकताओं से मुंह मोड़े हुए है। ऐसे में पालिका को एक अंक देंगे।

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दो अंक

जगदीश ¨सह कहते हैं कि पालिका प्रशासन नियोजित विकास नही कर रहा है। जिसका खामियाजा नगरवासियों को भुगतना पड़ रहा हैं। इस कारण समस्याओं का निराकरण भी नही हो पा रहा है। ऐसे में पालिका को दो अंक दूंगा।

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शून्य अंक

मोहम्मद हाफिज कहते हैं कि पालिका प्रशासन अभिलेखों में प्रतिदिन व्यवस्थाओं पर हजारों खर्च कर देता है। इसके बदले नगरवासियों से कर भी वसूल करता है। लेकिन यह खर्च नगरवासियों को कोई लाभ प्रदान नही कर पा रहा है। ऐसे में पालिका को शून्य अंक मिल सकता है।-------------------------एक अंक

राजकुमार गौंड कहते हैं कि पालिका प्रशासन नगरवासियों की समस्याओं के निराकरण करने के बजाय बजट को बढाने की कवायद में मस्त है। इस कारण लोगों को समस्याओं से जुझना पड़ रहा है। ऐसे में पालिका को एक अंक दिया जाता है।----------------------

दो अंक

रामजीत कहते हैं कि पालिका प्रशासन नगर पालिका महज सड़कों एवं फुटपाथों को चमाचम करने में जुटा है। नागरिकों की आवश्यकता के सापेक्ष विकास कार्य नही करा रहा है। इससे समस्याए बरकरार हैं। ऐसे में पालिका को दो अंक दूंगा।


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