दस फीसद मामलों का भी नहीं हो सका निस्तारण
अंबेडकरनगर : जनसमस्याओं के निराकरण के लिए तहसील मुख्यालयों पर जनसुनवाई का आयोजन किया गया। जिलाधिकारी
अंबेडकरनगर : जनसमस्याओं के निराकरण के लिए तहसील मुख्यालयों पर जनसुनवाई का आयोजन किया गया। जिलाधिकारी विवेक ने भीटी तहसील मुख्यालय पर समस्याएं सुनीं। उन्होंने शिकायती पत्रों का समयबद्ध एवं प्राथमिकता के आधार पर गुणवत्तापूर्ण निस्तारण करने का निर्देश मातहत अधिकारियों को दिया। तहसील दिवस में कुल 724 शिकायतें प्राप्त हुई, जिसमें मौके पर सिर्फ 48 का निस्तारण किया जा सका।
अकबरपुर तहसील मुख्यालय पर एसडीएम रमापति की अध्यक्षता में तहसील दिवस का आयोजन किया गया। समस्या का समाधान न होने पर कई पीड़ित दोबारा प्रार्थना पत्र देने को मजबूर रहे। उमरपुर के आत्माराम मौर्य, बरियावन के संतराम ने कहा कि तहसील दिवस दिखावा बनकर रह गया है। शिकायतों का एक बार में निस्तारण नहीं हो पाता है। इस दौरान कुल 99 शिकायती पत्र प्राप्त हुए। जिसमें चार का मौके पर निराकरण किया किया।
भीटी संवादसूत्र के मुताबिक जिलाधिकारी विवेक ने तहसील दिवस में जनसुनवाई की। उन्होंने गत तहसील दिवस की शिकायतों का अवलोकन किया। सभी शिकायतें निस्तारित पायी गईं। शिकायतों को गुणवत्तापूर्ण तरीके व समय से निस्तारित करने के निर्देश सभी विभागों के अधिकारियों को दिया। इस दौरान कुल 203 शिकायतें आयीं। जिसमें पांच का निस्तारण किया गया। सीडीओ मन्नान अख्तर, एएसपी पंकज कुमार, एसडीएम भीटी एसपी ¨सह समेत सभी अधिकारी मौजूद थे। आलापुर संवादसूत्र के मुताबिक उपजिलाधिकारी महेंद्र की अध्यक्षता में आयोजित तहसील दिवस में फरियादियों की भीड़ उमड़ी रही। कुल 164 शिकायती पत्र प्राप्त हुए, जिसमें मौके पर 16 मामले निस्तारित किए गए। जलालपुर संवादसूत्र के मुताबिक कार्यक्रम का आयोजन एसडीएम विवेक मिश्र की अध्यक्षता में किया गया। इस दौरान कुल 151 प्रार्थना पत्र प्राप्त हुए। जिसमें मौके पर 16 शिकायतों का निस्तारण किया गया।
टांडा संवादसूत्र के मुताबिक तहसील दिवस शिकायतों का निस्तारण न होने से पीड़ितों को चक्कर काटना पड़ता है। एसडीएम नरेंद्र ¨सह की अध्यक्षता में आयोजित तहसील दिवस में 117 मामले पेश आए जिसमें मौके पर महज सात मामलों का निस्तारण किया गया।
-----------------निर्माण की होगी जांच-भीटी : बार अध्यक्ष सत्यप्रकाश शुक्ल के नेतृत्व में अधिवक्ताओं द्वारा दिए गए अपूर्ण शेड संबंधी ज्ञापन को जिलाधिकारी विवेक ने गंभीरता से लिया। तहसील दिवस के दौरान ही कार्यदायी संस्था आरईडी के अधिशासी अभियंता को तलब किया। वह 10 लाख रुपये में तीन शेड का निर्माण कराने में असमर्थता जाहिर किए। जबकि अधिवक्ताओं ने निर्माण में अब तक महज छह लाख रुपये ही खर्च करना बताया गया। नतीजतन शेड की फर्श नहीं बन सकी। अधिवक्ताओं के मुताबिक अभी चार लाख रुपये शेष हैं। जिलाधिकारी ने तकनीकी टीम को निर्माण कार्यों की गुणवत्ता व लागत की जांच करने के निर्देश दिए।