जातिवाद व ¨हसा के धुर विरोधी थे बुद्ध
अंबेडकरनगर : गौतम बुद्ध की जयंती जिले में जगह-जगह समारोह पूर्वक मनायी गई। कलेक्ट्रेट के समीप बौद्ध ज
अंबेडकरनगर : गौतम बुद्ध की जयंती जिले में जगह-जगह समारोह पूर्वक मनायी गई। कलेक्ट्रेट के समीप बौद्ध जन जागरण समिति के तत्वावधान में समारोह का आयोजन हुआ। मुख्य अतिथि वरिष्ठ धम्माचार्य चेतनारायण मौर्य ने गौतम बुद्ध की प्रतिमा के पास कैंडल जलाकर बुद्ध वंदना के साथ उपस्थित लोगों को त्रिशरण व पंचशील ग्रहण कराया। उन्होंने कहा कि गौतम बुद्ध जातिवाद व ¨हसा के धुर विरोधी थे। उनके रास्ते पर चलकर ही समाज में नफरत को कम किया जा सकता है।
धम्माचार्य ने कहा कि भगवान बुद्ध विश्व के प्रथम समाज सुधारक थे। उन्होंने मानव कल्याण के लिए राजसी सुख, वैभव त्याग कर करुणा, प्रज्ञा व समता का संदेश पूरे विश्व में दिया। समारोह का संचालन कर रहे राजितराम गौतम ने कहा कि बुद्ध दुनिया के प्रथम वैज्ञानिक थे। उन्होंने मानव कल्याण में पूरा जीवन समर्पित कर दिया। बुद्ध के विचारों पर ही चलकर सुख, शांति व समृद्धि मिल सकती है। पूर्व विधायक घामूराम भाष्कर ने कहा कि दुख के अस्तित्व को स्वीकार करना और इसके नाश करने का उपाय धम्म में निहित है। अध्यक्षता बौद्धजन जागरण समिति अध्यक्ष नंदलाल भारती ने किया। समारोह को ईश्वरचंद्र, वीके गौतम, रामपाल, कर्मजीत प्रधान, पन्नालाल रावत, रामजीत केसरी, डॉ. लक्ष्मी गौतम, डॉ. गंगाराम गौतम, आशाराम गौतम, मग्घू राम विमल, सुधीर कुमार, मानिकचंद ने संबोधित किया।
अपना दल कार्यालय पर विश्व बौद्ध परिषद के बैनर तले गौतम बुद्ध की जयंती मनायी गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता जिलाध्यक्ष जयप्रकाश पटेल व संचालन सुरेंद्र प्रताप पटेल ने किया। आनंद हीराराम पटेल ने कहा कि महामना गौतम बुद्ध के विचारों को अपनाकर ही देश को उन्नति के रास्ते पर ले जाया जा सकता है। रामकीर्ति पटेल ने कहा कि जिन देशों ने बुद्ध के विचारों का अनुकरण किया। वह देश प्रगति पर है। गोष्ठी को अजय पटेल, रामबहादुर, संतबचन गौतम, धर्मदेव, शशिकांत पटेल ने संबोधित किया। देशभक्त न्याय पार्टी के के बौद्ध आश्रम पटेलनगर पर भगवान बुद्ध के उपदेश विषय पर गोष्ठी का आयोजन किया गया। अध्यक्षता जिलाध्यक्ष आज्ञाराम पटेल व संचालन चट्टान रामनरेश पटेल ने किया। राष्ट्रीय अध्यक्ष परशुराम पटेल ने बताया कि तथागत के मानव कल्याण के सिद्धांत चोरी न करने, नशा न करने, हत्या न करने, झूठ न बोलने तथा व्यभिचार न करने के सिद्धांत से समाज में व्याप्त बुराइयों को खत्म किया जा सकता है।