लेखपालों की हड़ताल से कामकाज ठप
अंबेडकरनगर : राजस्व लेखपालों का आंदोलन आवेदकों पर भारी पड़ रहा है। आय, जाति, निवास प्रमाण पत्र के आवे
अंबेडकरनगर : राजस्व लेखपालों का आंदोलन आवेदकों पर भारी पड़ रहा है। आय, जाति, निवास प्रमाण पत्र के आवेदनों पर आख्या न देने से जिले की विभिन्न तहसीलों में करीब 25 हजार आवेदन पत्र लंबित हैं। यह आवेदन उन अतिरिक्त गांवों के हैं जिनका बस्ता लेखपालों ने तहसील प्रशासन को सौंप रखा है।
तहसील मुख्यालयों पर स्थापित स्टेट सर्विस गेट वे योजना बदहाली की शिकार हो गयी है। जनसुविधा केंद्रों पर आवेदन पत्रों की लंबी फेहरिश्त लगी है। ई-गर्वनेंस सेवा में आवेदकों को गांवों में स्थापित जनसेवा केंद्रों से ही प्रमाण पत्र मिलने की सुविधा प्रदान की गई है। इसमें उन्हें तहसील मुख्यालयों का चक्कर लगाने की फुर्सत मिल गई थी, लेकिन मौजूदा समय में हालात यह हैं कि आवेदक फिर तहसील मुख्यालयों का चक्कर काटने को मजबूर हैं। तुलसीपुर निवासिनी छात्रा माला देवी ने आय व जाति प्रमाण पत्र के लिए एक पखवारा पूर्व आवेदन किया था, लेकिन उन्हें अब तक प्रमाण पत्र नहीं उपलब्ध हो सका। कोटवा किरूनीपुर निवासी अमरदीप ने आय, जाति व निवास प्रमाण पत्र के लिए 20 दिन से आवेदन कर रखा है, लेकिन प्रमाण पत्र नहीं मिला। छात्र मजबूर होकर तहसील मुख्यालय पर चक्कर काट रहे हैं। लेखपालों के कार्य बहिष्कार, कर्मचारियों की कमी व अक्सर साइट बंद रहने का नतीजा यह है कि अब तक जिले में 25 हजार से अधिक आवेदन पत्र तहसील मुख्यालयों पर लंबित पड़ा हुआ है। अपर जिलाधिकारी राममूर्ति मिश्र ने कहा कि राजस्व निरीक्षकों को आवेदन पत्रों पर रिपोर्ट लगाने के निर्देश दिए गए हैं। लंबित प्रार्थना पत्रों को प्राथमिकता के आधार पर निस्तारित कराया जाएगा।
भीटी संवादसूत्र के मुताबिक लेखपालों की हड़ताल से छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति व अन्य नौकरियों में आवेदन के लिए आय, जाति, निवास प्रमाण पत्र लेखपालों की रिपोर्ट के अभाव में नहीं मिल पा रहे हैं। जिससे उनका आक्रोश भी चरम पर है। शासन द्वारा आयोजित होने वाले तहसील व समाधान दिवस की शिकायतों का निस्तारण, समाजवादी पेंशन योजना के सत्यापन का कार्य भी ठप है। एसडीएम एसके वैश्य ने बताया कि समस्या के निदान की दिशा में प्रयास जारी है।
तबादले से व्यवस्था ध्वस्त : आलापुर तहसील में दो माह के भीतर कई उप जिलाधिकारियों के फेरबदल का प्रभाव तहसील से निर्गत हाने वाले प्रमाण पत्रों पर भी पड़ रहा है। 20 दिनों से अधिक समय से स्थानीय तहसील में तैनात उप जिलाधिकारी के डिजिटल हस्ताक्षर का प्रारूप प्रमाण पत्र निर्गत करने वाले कर्मचारियों को नहीं मिला। इससे हजारों निवास प्रमाण पत्र समयावधि पूर्ण हो जाने के बाद भी निर्गत नहीं हेा सके।