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परलोक सिधार चुके फिर भी चला रहे फावड़ा!

अंबेडकरनगर : जिले के टांडा विकासखंड की ग्राम पंचायत अमेदा में पांच साल पहले मृत दर्ज व्यक्ति को पिछ

By Edited By: Published: Tue, 21 Oct 2014 09:13 AM (IST)Updated: Tue, 21 Oct 2014 09:13 AM (IST)

अंबेडकरनगर : जिले के टांडा विकासखंड की ग्राम पंचायत अमेदा में पांच साल पहले मृत दर्ज व्यक्ति को पिछले वर्ष 2013 तक रोजगार दिए जाने का कारनामा यहां के प्रधान तथा ग्राम स्तरीय अधिकारी ने कर दिखाया है। इसके अलावा चार साल पहले एक अन्य मृतक को भी ग्राम पंचायत लगातर रोजगार उपलब्ध करा रही है।

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प्रदेश स्तर पर महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के संचालन पर सीबीआइ की नजर है। बावजूद इसके जिले में मनरेगा के तहत रोजगार दिए जाने में अनियमितता बरते जाने का मामला उजागर हो रहा है। गांव निवासी संतोष तिवारी ने उक्त भ्रष्टाचार की शिकायत भ्रष्टाचार उन्मूलन प्रकोष्ठ के महामंत्री विजयपाल सिंह से की थी। परिवार रजिस्टर के उपलब्ध अभिलेखों के मुताबिक उक्त ग्राम पंचायत निवासी बसंता पुत्र गया की मृत्यु 14 फरवरी 2009 में हो चुकी है। जबकि गया पुत्र रामसमुझ की मृत्यु पहले ही हो चुकी है। इसके अलावा अवधेश पुत्र फेंकू की मौत 16 अक्टूबर 2010 में होने की पुष्टि हो रही है। मनरेगा के रजिस्टर में उक्त लोग सौ दिन से अधिक का रोजगार हासिल किए जाने के साथ ही पारिश्रमिक का भुगतान भी ले चुके हैं। खास बात है कि मृतकों ने अन्य श्रमिकों की अपेक्षा सर्वाधिक दिवस में कार्य किया है। अभिलेखों के मुताबिक 11 अप्रैल 2013 को किए गए भुगतान में मृतक बसंता को 111 दिन मनरेगा में कार्य किए जाने के लिए 13 हजार 320 रुपये का भुगतान किया गया है। जबकि दूसरे स्थान पर 104 दिवस कार्य करने वाले मृतक अवधेश को 12 हजार 480 रुपये व गया को भी 28 दिन का रोजगार उपलब्ध कराने के बाद अधिकारियों ने 3360 रुपये मजदूरी अदा की है। यह आंकड़े तो अनियमितता की बानगीभर हैं। यहां अशक्त वृद्धों को भी रोजगार दिए जाने का दावा किया गया है। विकास खंड स्तर पर हुए इस घपले में बैंक कर्मियों की संलिप्तता भी उजागर हो रही है। कारण सरकार की पारदर्शी योजना के तहत मजदूरों को सीधे खाते में पारिश्रमिक का भुगतान किया जा रहा है। ऐसे में मृतकों के खाते से धनराशि का आहरण किए जाने को लेकर भी बैंक की गतिविधियां संदेह के घेरे में हैं। इस बाबत मनरेगा उपायुक्त भूपेंद्र सिंह ने बताया कि मामला संज्ञान में आया है। शिकायतकर्ता की ओर से उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर अनियमितता की पुष्टि हो रही है। हालांकि साक्ष्यों को खंड विकास अधिकारी को सौंपते हुए जांच किए जाने का निर्देश दिया गया है। जांच आख्या मिलने के बाद अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।


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