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क्रीड़ाश्री पद सामाप्त कराना तानाशाही रवैये का द्योतक

By Edited By: Published: Sun, 29 Jun 2014 07:43 PM (IST)Updated: Sun, 29 Jun 2014 07:43 PM (IST)
क्रीड़ाश्री पद सामाप्त कराना तानाशाही रवैये का द्योतक

अंबेडकरनगर : भारतीय क्रीड़ाश्री संघ प्रदेश अध्यक्ष सदाचंद यादव ने कहा कि युवा कल्याण अधिकारी द्वारा क्रीड़ाश्री के पद को समाप्त करने की घोषणा उनके तानाशाही रवैये का द्योतक है। उन्होंने पद समाप्ति की घोषणा कर क्रीड़ाश्री के मनोबल को गिराने का कार्य किया है। प्रदेश अध्यक्ष ने कलेक्ट्रेट के निकट क्रीड़ाश्री की बैठक को संबोधित कर रहे थे।

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संघ प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि क्रीड़ाश्री के पद की समाप्ति की घोषणा निंदनीय है। जिला युवा कल्याण अधिकारी ने इस बयानबाजी की शिकायत खेल मंत्री उत्तर प्रदेश शासन से करके उनके इस तानाशाही रवैये के खिलाफ कार्रवाई की मांग की जाएगी। इस पर भी कार्रवाई नहीं हुई तो संघ चक्का जामकर धरना-प्रदर्शन करने के लिए बाध्य होगा। संघ जिलाध्यक्ष व प्रदेश महासचिव जितेंद्र वर्मा एवं प्रदेश उपाध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि जिला युवा कल्याण अधिकारी क्रीड़ाश्री के पद समाप्त किए जाने का बयान देकर क्रीड़ाश्री साथियों का मनोबल गिराने का कार्य किया है। संघ इस कृत्य के खिलाफ कत्तई चुप नहीं बैठेगा। संचालन प्रदेश सचिव पंकज वर्मा ने किया। बैठक में सरोज, शकुंतला देवी, निशा सैनी, अनीता देवी, अखिलेश मौर्य, रामअर्ज पाल, अंकित यादव, रोहित कुमार, रतीपाल, संजय गौड़, रामअशीष यादव, सुदामा गुप्त, माया देवी, गंगाराम यादव, वेदप्रकाश, प्रवीण वर्मा, विजय प्रताप आदि मौजूद थे।


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