मुकदमा दर्ज कर न्यायालय में पेश होने के आदेश
अंबेडकरनगर : हिंदू युवा वाहिनी जिलाध्यक्ष रहे रामबाबू गुप्त के भतीजे के शव का अपमान करने, साक्ष्य मिटाने एवं परिवारीजनों की पिटाई करने के मामले में न्यायालय ने कड़ा रुख अख्तियार किया है। आदेश के बावजूद तत्कालीन एएसपी, सीओ व थानाध्यक्ष के विरुद्ध मुकदमा दर्ज न करने पर नाराजगी जताते हुए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने थानाध्यक्ष को मुकदमा दर्ज कर आगामी 26 अप्रैल को स्पष्टीकरण आख्या के साथ तलब किया है।
गौरतलब है कि गत वर्ष तीन मार्च को अलीगंज थाना क्षेत्र में हिंयुवा जिलाध्यक्ष रहे रामबाबू गुप्त की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसके बाद गत चार नवंबर को हत्याकांड के गवाह रहे रामबाबू के भतीजे राममोहन उर्फ शीतल की हत्या कर दी गई। घटना के बाद शव के साथ परिवारीजन घर के सामने बैठे थे। इन्हें पुलिस ने बल पूर्वक खदेड़ हुए शव को घसीटकर जबरिया वाहन में लाद लिया। उक्त मामले की शिकायत राममोहन के चाचा वेदप्रकाश ने अधिकारियों से की थी लेकिन मामला विभागीय होने के कारण कार्रवाई नहीं की गई थी। इसके बाद वेदप्रकाश ने न्यायालय का दरवाजा खटखटा कर न्याय की गुहार की थी। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने तत्कालीन एएसपी राजीव मल्होत्रा, टांडा सीओ नरेंद्र कुमार सिंह एवं थानाध्यक्ष रमेशचंद्र पांडेय के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर तीन माह में विवेचना आख्या प्रस्तुत करने का आदेश गत 11 अप्रैल को अलीगंज थानाध्यक्ष को दिया था। इसके बाद भी मुकदमा दर्ज न करने पर वेदप्रकाश ने मामले की शिकायत मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट से की। मामले को गंभीरता से लेते हुए सीजेएम राजेश नारायणमणि त्रिपाठी ने 26 अप्रैल को एसओ को तलब कर लिया है।