इष्र्या व लोभ का नाश करने वाली हैं स्कंदमाता
अंबेडकरनगर : चैत्र नवरात्र पर्व के पांचवें दिन मां दुर्गा के पंचम स्वरूप स्कंदमाता के जयकारों से वातावरण गुंजायमान रहा। इष्र्या, लोभ व क्रोध का नाश करने वाली माता के दर्शन-पूजन को मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। सुगंधित फूलों से सजे माता के दरबार में उपवास रख पहुंच श्रद्धालुओं ने हवन व आरती कर मुरादें मांगी।
नगरपालिका के निकट स्थित प्राचीन दुर्गा माता मंदिर पर सुबह से ही श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। गुलाब, चमेली, कमल अर्पित कर श्रद्धालुओं ने आरती उतारी। मिष्ठान व फल का माता को भोग लगाया गया। माता के प्रिय फल नारियल के अलावा चूड़ी, सिंदूर समेत अन्य श्रृंगार के सामान माता को अर्पित किए गए। सायंकाल माता के आरती के बाद भजन-कीर्तन व रात्रि जागरण में श्रद्धालु झूमते रहे। मान्यता है कि भगवान स्कंद की माता होने से इस देवी को स्कंदमाता नाम से जाना जाता है। सूर्य मंडल की अधिष्ठात्री होने के कारण उनकी छवि ब्रह्मांड में दैदीप्यमान होती है।