खर्च नहीं हो सके करोड़ों रुपये, शासन को वापस
अंबेडकरनगर : वित्तीय वर्ष के समापन तक बजट खर्च करने में नाकाम विभागों ने शासन को करोड़ों रुपये वापस कर दिए हैं। इसके पीछे आचार संहिता लागू होने तथा बिल देर से प्रस्तुत किए जाने का वास्ता दिया जा रहा है।
गौरतलब है कि बेसिक शिक्षा विभाग की ओर से परिषदीय वेतन भुगतान के छह करोड़ तथा वित्तीय सहायता प्राप्त विद्यालयों के पांच करोड़ रुपये वापस किए गए हैं। वित्त एवं लेखाधिकारी (बेसिक शिक्षा) केके पांडेय ने इसकी पुष्टि की है। शादी अनुदान योजना के तहत अनुसूचित जाति के पात्रों को लाभांवित किए जाने के लिए मिले 65.30 लाख, सामान्य के लिए छह लाख 35 हजार के अलावा पारिवारिक लाभ योजना के तहत 84.88 लाख रुपये शासन को लौटाए गए हैं। जिला समाज कल्याण अधिकारी राम विलास ने बताया कि आचार संहिता लागू होने की वजह से भुगतान नहीं हो सका है। इसके अलावा कन्या विद्याधन योजना के तहत बजट खर्च न होने की स्थिति में छह करोड़ 30 लाख 20 हजार रुपये की धनराशि सुरक्षित कर ली गई है। जिला अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की ओर से चहारदीवारी निर्माण के साढ़े तीन करोड़ रुपये का बजट सुरक्षित कर लिया गया है। पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग की ओर से छात्रों को शुल्क प्रतिपूर्ति एवं छात्रवृत्ति के भुगतान की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी अश्वनी कुमार ने इसकी पुष्टि की है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत ग्राम पंचायतों तथा कार्यदायी संस्थाओं से सात करोड़ 51 लाख 31 हजार 404 रुपये वापस लेकर शासन को भेज दिए गए हैं। मनरेगा उपायुक्त भूपेंद्र सिंह ने इसकी पुष्टि की है। इसके अलावा बजट को लैप्स होने से बचाने को विभाग सुरक्षित किए जाने तथा भुगतान कराने की कवायद में जुटे रहे। वहीं दूसरी ओर विकास भवन में सन्नाटा पसरा रहा। कारण अधिकारी-कर्मचारी जहां-जहां बजट खर्च करने का खाका बनाने में मशगूल रहे।