देर से जागे, फिर हड़बड़ी में भागे
जासं, इलाहाबाद : जिले की 12 विधानसभा सीटों पर मतदान संपन्न कराने के लिए पोलिंग पार्टियां रवाना कर
जासं, इलाहाबाद : जिले की 12 विधानसभा सीटों पर मतदान संपन्न कराने के लिए पोलिंग पार्टियां रवाना करने में खासी बदइंतजामी नजर आई। सुबह छह बजे ड्यूटी पर पहुंचने में कर्मचारी ही नहीं अधिकारी भी विफल रहे। इसके बाद आठ बजे पहुंचने वाली पोलिंग पार्टियां भी देर से पहुंची। जिसकी वजह से हर जगह मारामारी का माहौल नजर आया। एक साथ सारे कार्मिक एकत्र हुए अव्यवस्था और गर्मी की चपेट में आकर दो कार्मिक गश खाकर गिर पड़े। उन्हें इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया। घंटों लाइन में लगने से महिलाएं खासा परेशान हुई।
पोलिंग पार्टियां रवाना करने के लिए प्रशासन ने तीन अलग-अलग केंद्र बना रखे थे। केपी इंटर कॉलेज में इलाहाबाद शहर की तीनों सीटों शहर दक्षिणी, शहर उत्तरी, शहर पश्चिमी, भारत स्काउट गाइड के परिसर में फूलपुर, सोरांव, फाफामऊ और परेड मैदान में मेजा, करछना, कोरांव, हंडिया, प्रतापपुर और बारा विधानसभा क्षेत्रों के लिए पोलिंग सामग्री वितरण करने का इंतजाम था। यहां पर कर्मचारियों और अधिकारियों की ड्यूटी सुबह छह बजे से ही लगी थी, लेकिन वक्त पर अधिकांश आरओ और एआरओ भी नहीं पहुंचे। अफसरों के देरी से पहुंचने के कारण कर्मचारी भी देर से आए। जिसकी वजह से वितरण काफी लेट हो गया। मेजा, करछना, कोरांव, हंडिया, प्रतापपुर और बारा में सुबह सात बजे तक सभी जगह काउंटरों की पर्ची तक नहीं लग पाई थी। हालांकि आठ बजे वितरण के समय तक सब कुछ तैयार हो गया था। मगर पोलिंग पार्टियां काफी देर से आना शुरू हुई। जिसकी वजह से अधिकांश काउंटरों पर नौ बजे के बाद ही वितरण शुरू हो पाया। इस देरी का नतीजा यह हुआ कि शाम करीब चार बजे तक वितरण का काम चलता रहा। जिससे पोलिंग पार्टियां पहुंचने में भी देरी हुई।
टूटा धैर्य, लूटी गई ड्यूटी की सूची
- महिलाओं को खासी दिक्कत का सामना करना पड़ा
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : पोलिंग पार्टियों की रवानगी के समय केपी इंटर कालेज में अव्यवस्था हावी रही। पोलिंग पार्टियों को रवाना करने के लिए न कोई पुख्ता योजना थी, न उचित व्यवस्था। ड्यूटी निर्धारण में विलंब होने पर घंटों से लाइन में खड़े लोगों का धैर्य जवाब दे गया और उन्होंने सूची ही लूट ली। आनन-फानन में नई सूची लाकर चस्पा की गई। इसके बाद भी अव्यवस्था जारी रही। सबसे अधिक दिक्कत महिलाओं को हुई। इस बीच अकबर अली (52) और विजय कुमार (56) अलग-अलग समय गश खाकर गिर पड़े। साथी कार्मिक उन्हें लेकर अस्पताल भागे।
नियम बदलकर अबकी पहले कर्मचारियों व शिक्षकों को रिपोर्टिग करनी थी। फिर दूसरे काउंटर पर उन्हें बूथ की सूची दी जा रही थी। जबकि हर बार एक काउंटर में यह काम होता था। शिक्षा निदेशालय से आई प्रभारानी का कहना था कि महिलाओं के लिए न बैठने की व्यवस्था है, न अलग काउंटर बनाया गया। सिर्फ एक काउंटर से सारा काम होने से दिक्कत बढ़ गई है। शहर दक्षिणी भाग 263 की मतदान अधिकारी द्वितीय आशा देवी सुबह आठ से 12 बजे तक लाइन में खड़ी रहीं। बावजूद इसके वह ड्यूटी चार्ट पर हस्ताक्षर नहीं कर पाई। बोलीं, पहली बार ऐसी दिक्कत हो रही है। जीआइसी की शिक्षिका रश्मिता की ड्यूटी चक रघुनाथ नैनी में लगी है। उन्हें भी बदइंतजामी से खासी दिक्कत हुई। घंटों लाइन में खड़ी रहीं। बोलीं, यहां कोई समस्या सुनने वाला नहीं है। मेवालाल अयोध्या प्रसाद इंटर कालेज के शिक्षक रामऔतार गुप्त भी ड्यूटी चार्ट, वोटर लिस्ट व ईवीएम के लिए घंटों इधर-उधर चक्कर काटते रहे।
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प्यास से सूखा गला
इलाहाबाद : केपी इंटर कालेज में खाने व पीने के पानी की उचित व्यवस्था न होने से सबको दिक्कत हुई। गला तर करने के लिए लोगों को पाउच व बोतल का पानी खरीदना पड़ा। पाउच का पानी पांच रुपये व बोतल का पानी 20 से 25 रुपये में बिक रहा था।
चुनाव ड्यूटी रिसीविंग को रहे भटकते
इलाहाबाद : भारत स्काउट गाइड इंटर कॉलेज में सुबह आठ बजे से ही पोलिंग पार्टियां पहुंचना शुरू हो गई, लेकिन यह संख्या कम थी। नौ से दस बजे के बीच में बड़ी संख्या में पोलिंग पार्टियां पहुंच गई। लेकिन ड्यूटी बताने का काउंटर हर विधानसभा क्षेत्र में एक-एक ही बनाया गया था। पहले सबको ड्यूटी चार्ट पर हस्ताक्षर करना था परंतु इसके लिए मुख्य गेट के पास एक काउंटर बनाया गया था। इससे चुनाव डयूटी के लिए आए कर्मचारियों व शिक्षकों को खासा परेशानी हुई। उनमें आक्रोश रहा कि प्रशासन द्वारा उचित व्यवस्था नहीं किए जाने से यह स्थिति बनी हुई है। विधान सभा फाफामऊ, सोरांव व फूलपुर डयूटी के लिए जाने वाले कर्मचारियों को अपनी डयूटी पता करने के लिए भटकना पड़ा। कोई स्लिप के लिए तो कोई चुनावी सामग्री के लिए इधर उधर भटकते रहे।
इंतजार में पथराई आंखे
'जैसे तैसे चुनाव डयूटी रिसीविंग मिली और जद्दोजहद के बाद ईवीएम व वोटिंग मशीन हासिल की। सुबह आठ बजे से प्रथम मतदान अधिकारी लाला शंकर अग्रवाल का इंतजार कर रहा हूं। एक दर्जन बार बात हो गई है कहते हैं कि आ रहा हूं। 11.15 बज चुके हैं पोलिंग पर नहीं पहुंचे हैं।' यह कहना था कि पीठासीन अधिकारी रामबली भारती का। बताया कि सोरांव कन्या जूनियर हाईस्कूल में चुनाव की डयूटी लगी है। हमारे साथ द्वितीय मतदान अधिकारी समशीर अली व तृतीय मतदान अधिकारी महेंद्र सिंह सुबह ही आ गए थे। लेकिन प्रथम मतदान अधिकारी के नहीं पहुंचने से परेशानी हो रही है। उन्हें ईवीएम मशीन की जांच पड़ताल करनी है। उनसे मोबाइल पर बातचीत हुई थी कहते हैं आ रहे हैं तीन घंटे से अधिक समय व्यतीत हो चुका है। उनके आने का पता नहीं है। प्रथम मतदान अधिकारी के समय से नहीं पहुंचने से टीम को परेशानी हुई।
आदमी चार, बिस्कुट दो पैकेट
इलाहाबाद : पोलिंग पार्टियों के लिए आयोग ने खानपान के जो इंतजाम किए थे वह नाकाफी नजर आए। कर्मचारियों ने बताया कि चार सदस्यीय एक पार्टी को महज दो पैकेट बिस्कुट दिए गए हैं। कर्मचारियों का कहना था कि कम से कम एक शख्स को एक पैकेट तो दिया ही जाना चाहिए था।
'मतदान अधिकारी कहां हैं काउंटर पर पहुंचे'
परेड ग्राउंड में काफी संख्या में मतदान कार्मिक नदारद भी रहे। जहां मतदान अधिकारी प्रथम या पीठासीन अधिकारी गैरहाजिर रहे वहां काफी दिक्कतें पेश आई। इनके स्थान पर रिजर्व कार्मिकों की ड्यूटी लगाए जाने से बस्तों के आवंटन में देरी हुई। ऐसे नदारद कार्मिकों की वजह से बार-बार एनाउंसमेंट होता रहा। इन कर्मचारियों की वजह से इनकी टीम के अन्य सदस्यों को भी परेशानी उठानी पड़ी।
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ड्यूटी के साथ निभाई मातृत्व की जिम्मेदारी
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-कई महिलाएं बच्चों के साथ पहुंची चुनाव ड्यूटी करने
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : त्याग, समर्पण की प्रतिमूर्ति मानी जाती है नारी। जो हर जिम्मेदारी पूरी निष्ठा से निर्वहन करती है। कुछ ऐसा ही दृश्य केपी इंटर कालेज में नजर आया। जहां चुनाव ड्यूटी पर आई कुछ महिलाओं के साथ उनके बच्चे भी थे। वह घंटों चुनाव ड्यूटी के लिए बच्चों को गोद में लिए खड़ी रहीं। खुद परेशान थीं, लेकिन बच्चे को कोई दिक्कत न हो उसके लिए चिंतित रहीं। दोनों काम उन्होंने पूरी जिम्मेदारी से पूरा किया।
प्राथमिक विद्यालय खिजिरपुर कौड़िहार प्रथम में शिक्षिका सरिता चुनाव ड्यूटी पर केपी इंटर कालेज में आई थीं। गोद में दो साल का बेटा त्रिजल था। शहर दक्षिणी विधानसभा क्षेत्र में सरिता की ड्यूटी लगी थी। लेकिन मतदाता सूची व ईवीएम को लेकर घंटों बेटे को गोद में लिए खड़ी रहीं। बीच-बीच में बेटा रोता तो उसे खाने-पीने को देतीं। कुछ ऐसी ही स्थिति जीआइसी की शिक्षिका रश्मिता की रही। वह भी अपने बेटे के साथ सुबह 9.30 बजे केपी इंटर कालेज आ गई। लेकिन ड्यूटी चार्ट में हस्ताक्षर न होने से उन्हें लंबा इंतजार करना पड़ा। बेटा परेशान होता तो उसे संभालते हुए खड़ी रहीं। मोनिका देवी भी दो वर्षीय बेटी सोना के साथ आयी थीं। बोलीं, घर में कोई इसकी देखरेख करने वाला नहीं है। इससे साथ लेकर आना पड़ा। बच्चे की वजह से काम में दिक्कत नहीं आएगी..? जवाब में बोलीं, ये तो कलेजे का टुकड़ा है। इससे कैसी दिक्कत।