Kumbh mela 2019 : भाजपा को राहत दे गया अमित शाह का प्रयागराज दौरा
भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का प्रयागराज दौरा महत्वपूर्ण रहा। राम मंदिर में देरी से नाराज संतों के गुस्सा को वह शांत कर गए। तंज कसने वाले संत भी उनके इर्द-गिर्द नजर आए।
शरद द्विवेदी, कुंभनगर : जैसी उम्मीद थी, ठीक वैसा ही हुआ। अयोध्या मंदिर निर्माण में देरी से संतों की नाराजगी झेल रही भाजपा को अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह का प्रयाग दौरा राहत दे गया। कुछ दिनों पहले तक भाजपा पर तंज कसने वाले संत अमित शाह के इर्द-गिर्द नजर आए। संतों में अमित शाह के साथ स्नान, दर्शन-पूजन व भोजन करने एवं सेल्फी लेने की होड़ रही। इसमें वह संत भी शामिल थे, जिन्होंने विश्व हिंदू परिषद की धर्म संसद का विरोध करते हुए वहां जाने से मना कर दिया था।
संतों की मन की बात भांपते हुए शाह सबसे आत्मीयता से मिले। जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरि के शिविर में स्वयं संतों को टीका लगाया और शॉल भेंट करके आशीर्वाद लिया। शाह की भक्ति व सेवाभाव देखकर संत गदगद नजर आए।
संत समाज मोदी-योगी सरकार पर थे हमलावर
गौरतलब है कि संत समाज मोदी-योगी सरकार पर हमलावर है। प्रयाग कुंभ में अधिकतर संतों ने संसद में राम मंदिर के लिए अध्यादेश लाने की मांग की। वहीं 31 जनवरी व एक फरवरी को कुंभ क्षेत्र में हुई विश्व ङ्क्षहदू परिषद की धर्म संसद का अखाड़ा परिषद ने खुलकर विरोध कर दिया था। अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि, महामंत्री महंत हरि गिरि, सुप्रीम कोर्ट में राम मंदिर के पक्षकार महंत धर्मदास सहित प्रमुख महात्माओं ने विहिप की धर्म संसद से दूरी बना ली थी। वहीं धर्म संसद में मौजूद कई महात्माओं ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की मौजूदगी में राम मंदिर निर्माण कराने की तारीख पूछते हुए हंगामा कर दिया था।
शाह का दौरा डैमेज कंट्रोल
मौके की नजाकत को देखते हुए अमित शाह का दौरा संतों के बीच डैमेज कंट्रोल के रूप में देखा जा रहा है। इसकी तैयारी संगठनात्मक रूप से काफी पहले से चल रही थी। यही कारण है कि अमित शाह आए तो उनके साथ अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि, महामंत्री महंत हरि गिरि, सुप्रीम कोर्ट में राम मंदिर के पक्षकार महंत धर्मदास सहित विहिप की धर्म संसद से दूर रहने वाले हर प्रमुख महात्मा नजर आए। शाह ने सबके साथ संगम में डुबकी लगाई। फिर जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि के शिविर में सबसे व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की। लेटे हनुमान मंदिर, अक्षयवट का दर्शन एवं जूना अखाड़ा के मौज गिरि मंदिर में दर्शन-पूजन के दौरान अमित शाह अखाड़ों के महात्माओं से घिरे रहे।
शाह के बहाने एक मंच पर आए संत
कुंभ में पहला मौका था जब 13 अखाड़ों के महात्मा पहली बार एक मंच पर नजर आए। हर जगह सारे अखाड़ों के महात्माओं की उपस्थिति रही। संतों ने भाजपा अध्यक्ष के साथ रहकर एकजुटता का संदेश दिया। पूरे समय किसी में कोई नाराजगी नहीं दिखी।
कहते हैं संत
अमित शाह के सामने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हमसे अयोध्या न जाने की गुजारिश की है। उन्होंने कहा है कि राम मंदिर निर्माण का रास्ता सरकार निकालने में लगी है। योगी के आश्वासन से हम संतुष्ट हैं लेकिन अयोध्या जाने या न जाने का निर्णय बाद में करेंगे।
- महंत नरेंद्र गिरि, अध्यक्ष अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद
हमें आश्वासन मिला है कि सुप्रीम कोर्ट में सरकार राम मंदिर मामले की सुनवाई तेज करेगी। साथ ही कोर्ट के बाहर भी मंदिर निर्माण की दिशा में पहल शुरू की जाएगी। इससे संत संतुष्ट हैं। हमें उम्मीद है कि सरकार उस दिशा में उचित काम करेगी।
- महंत धर्मदास, सुप्रीम कोर्ट में राम मंदिर के पक्षकार