इलाहाबाद में नैनी जेल शूटआउट का मास्टर माइंड गिरफ्तार
वाराणसी के लंका थाना क्षेत्र के डाफी मुहल्ला के मुन्नू को सरपतहिया तिराहे पर स्पेशल टॉस्क फोर्स (एसटीएफ) और नैनी पुलिस ने पकड़ा। उसका साथी नवाबगंज निवासी वसीम खान भागने में सफल रहा
इलाहाबाद (जेएनएन)। संगमनगरी इलाहाबाद में नैनी जेल शूटआउट का मास्टर माइंड और शार्प शूटर विमल प्रकाश शर्मा उर्फ मुन्नू तिवारी कल देर शाम पुलिस के हत्थे चढ़ गया। पुलिस ने स्पेशल टास्क फोर्स के साथ मुन्नू तिवारी को गिरफ्तार किया।
वाराणसी के लंका थाना क्षेत्र के डाफी मुहल्ला के मुन्नू को सरपतहिया तिराहे पर कल स्पेशल टॉस्क फोर्स (एसटीएफ) और नैनी पुलिस ने पकड़ा। उसका साथी नवाबगंज निवासी वसीम खान भागने में सफल रहा। अभियुक्त के पास से स्कार्पियो और असलहा बरामद हुआ।
पूर्वांचल के कई जिलों में प्रदेश के हिस्ट्रीशीटर मुन्नू के खिलाफ हत्या, हत्या की साजिश रचने और लूट के 12 मुकदमे दर्ज हैं। एसटीएफ वाराणसी के एडिशनल एसपी ज्ञानेन्द्र सिंह ने बताया कि करीब आठ माह पहले करेली स्थित रायल पैलेस में एक मीटिंग हुई। उसमें मुन्नू, अख्तर कटरा, शैलेन्द्र यादव, राजू पहलवान, लाडे, वसीम, सज्जू खान और दीपक वर्मा शामिल हुए। शैलेन्द्र यादव ने अपने भाई का बदला लेने के लिए ज्ञानचंद्र और उसके भाई संतोष की हत्या की सुपारी मुन्नू को दी। इस काम के लिए 15 लाख रुपये और एक स्कार्पियो मुन्नू को दी गई। सुपारी लेने के बाद मुन्नू ने पूरी वारदात की योजना बनाई। फिर नैनी में बेथनी कान्वेंट स्कूल के पास गुड्डू मामा उर्फ साकिब के मकान में किराए पर रहने लगा। यहीं से वह ज्ञानचंद्र की रेकी करने लगा। इसके बाद पांच जून की शाम सुनियोजित ढंग से नैनी जेल शूटआउट को अंजाम दिया। इसमें शेरडीह निवासी ज्ञानचंद्र और उसके चाचा लालता की मौत हो गई, जबकि छह अन्य लोग जख्मी हो गए थे। पूर्व में 10 हजार का इनामी रहा मुन्नू शूटआउट के बाद लगातार इधर-उधर भागता रहा। गिरफ्तारी के लिए इलाहाबाद के साथ ही वाराणसी की पुलिस टीम लगी हुई थी।
विवेचना के दौरान आया नाम
दोहरे हत्याकांड का पुलिस खुलासा कर चुकी है। इस मामले में क्राइम ब्रांच ने अख्तर कटरा, सज्जू, वीरेन्द्र उर्फ ठोकिया को गिरफ्तार कर चुकी है। दीपक वर्मा व दो शूटरों को वांटेड किया गया था। एसएसपी जोगेन्द्र कुमार ने बताया कि विवेचना के दौरान ही गैंग लीडर मुन्नू तिवारी, मनोज शुक्ला और गुड्डू मामा और शहाबुद्दीन का नाम पता चला। अब पुलिस फरार आरोपियों की तलाश में जुट गई है। वहीं सुपारी देने वाले शैलेन्द्र यादव और उसके साथी राजू पहलवान कोर्ट में सरेंडर कर चुके हैं।
स्कार्पियों का बदल दिया नंबर प्लेट
पुलिस को मिली स्कार्पियों का नंबर प्लेट बदला हुआ था। उसका फर्जी कागजात भी था, जो पुलिस को मिले हैं। एसटीएफ इंस्पेक्टर शैलेष प्रताप सिंह ने बताया कि उनके साथ एसआई पुनीत परिहार, अमित श्रीवास्तव, रणजीत राय और इंस्पेक्टर नैनी रामसूरत सोनकर, एसआई धर्मेन्द्र कुमार, ददन सिंह, आनंद और दिवाकर मिश्रा की टीम ने जब स्कार्पियों को रोकना चाहा तो शूटरों ने फायर भी किया। इसमें पुलिसकर्मी बाल-बाल बच गए और फिर घेरेबंदी कर मुन्नू को दबोच लिया गया।