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Hearing complete: अयोध्या आतंकी हमले के मामले में 30 नवंबर को फैसला!

अयोध्या आतंकी हमले पर सुनवाई पूरी हो गई है। अब 30 नवंबर को फैसला आ सकता है। उल्लेखनीय है कि जन्म भूमि परिसर में 12 साल पहले विस्फोट हुआ था।

By Nawal MishraEdited By: Published: Fri, 17 Nov 2017 09:37 PM (IST)Updated: Sun, 19 Nov 2017 08:18 AM (IST)
Hearing complete: अयोध्या आतंकी हमले के मामले में 30 नवंबर को फैसला!
Hearing complete: अयोध्या आतंकी हमले के मामले में 30 नवंबर को फैसला!

इलाहाबाद (जेएनएन)। अयोध्या आतंकी हमले पर 30 नवंबर को फैसला आ सकता है। शुक्रवार को सुनवाई पूरी हो गई है। उल्लेखनीय है कि अयोध्या के रामजन्म भूमि परिसर में 12 साल पहले विस्फोट हुआ था। कोर्ट में उसी की सुनवाई चल रही थी। विशेष न्यायाधीश प्रेमनाथ ने उभयपक्ष की दलीलों को सुना। सहायक शासकीय अधिवक्ता गुलाब चंद्र अग्रहरि व बचाव पक्ष की ओर से कहा गया कि उन्हें अब कोई दलील नहीं पेश करनी है।

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हमलावर आतंकी

  • आसिफ इकबाल उर्फ फारुख पुत्र मो. वशीर, निवासी सखी मैदान थाना मेंडर जिला पुंछ जम्मू। 
  • मो. नसीम पुत्र फिरोजदीन, निवासी डेरा मेंडर थाना मेंडर जिला पुंछ जम्मू। 
  • मो. अजीज पुत्र वसीर, निवासी पाटीदार, थाना मेंडर जिला पुंछ जम्मू। 
  • शकील अहमद पुत्र नजीर अहमद, निवासी सखी मैदान थाना मेंडर जिला पुंछ जम्मू।
  • डॉ. इरफान पुत्र असलम खान, निवासी शेख जादगानान कस्बा थाना तीतरो, सहारनपुर यूपी। 

2005 की सुबह हुआ था धमाका

पांच जुलाई 2005 की सुबह असलहे से लैस आतंकियों ने रामजन्म भूमि परिसर में धमाका किया था। हमला जैश-ए-तैय्यबा ने कराया था। सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ में पांच आतंकवादी मार गिराए थे, जबकि दो निर्दोष लोगों की जान चली गई थी।

आतंकी हमले की जांच में असलहों की सप्लाई करने और उनकी मदद करने वाले पांच आतंकियों आसिफ इकबाल, मो. नसीम, मो. अजीज, शकील अहमद और डॉ. इरफान का नाम सामने आया। इन सभी को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। वर्ष 2006 में हाईकोर्ट के आदेश पर पांचों आतंकवादियों को फैजाबाद से सेंट्रल जेल नैनी, इलाहाबाद भेज दिया गया। यहां मुकदमे की सुनवाई विशेष न्यायाधीश द्वारा की जा रही थी। बीते साल भी मार्च में फैसले की घड़ी आई थी, लेकिन सुनवाई दोबारा शुरू हो गई थी। 

बाबरी विध्वंस का बदला लेना था मकसद

बाबरी विध्वंस का बदला लेने और रामलला मंदिर को ध्वस्त करने के मकसद से आतंकियों ने सुबह करीब सवा नौ बजे हमला बोला था। पुलिस की जांच कहती है कि हमलावर चाहते थे कि दो संप्रदायों के बीच शत्रुता बढ़ाकर देश की एकता और अखंडता को नुकसान पहुंचाने के साथ ही एक वर्ग के लोगों की धार्मिक भावना को ठेस पहुंचाई जाए। इसी उद्देश्य के तहत हैंड ग्रेनेड, एक 47, राकेट लांचर समेत आधुनिक असलहे से लैस होकर आतंकियों ने हमला बोला था। बमबाजी और फायङ्क्षरग से पहले हमलावरों ने अपनी जीप को ब्लास्ट कर उड़ा दिया था। 

जम्मू में षडयंत्र, दिल्ली में पनाह

हमले से पहले आतंकियों ने जम्मू में आसिफ इकबाल के घर पर षडयंत्र रचा था। कार में बक्सा बनवाकर उसमें हथियार रखा। कार चलाकर आसिफ दिल्ली के संगम बिहार में डॉ. इरफान के क्लीनिक पर पहुंचा। क्लीनिक पर अरशद नाम का आतंकी और उसका छोटा भाई अमीन उर्फ इमीन भी आया-जाया करता था। यहीं पर इरफान आतंकियों को रामजन्म भूमि के बारे में लोकेशन देता था। आतंकियों ने अलीगढ़ में अपना हथियार छिपाया था। 


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