अरैल घाट प्रोजेक्ट पर संकट के बादल
जासं, इलाहाबाद : सपा सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में शुमार एक और प्रोजेक्ट पर संकट के बादल मंडरान
जासं, इलाहाबाद : सपा सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं में शुमार एक और प्रोजेक्ट पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। बजट के अभाव में नैनी में चल रहे अरैल घाट के प्रोजेक्ट के भी बंद होने की नौबत में है। जबकि इस घाट को वर्ष 2019 में लगने वाले अर्द्धकुंभ मेले के पहले तक बनकर तैयार होना था।
अरैल में सच्चा बाबा आश्रम के सामने तीन सौ मीटर क्षेत्रफल में पक्का घाट बनाने की योजना दो साल पहले एडीए ने बनाई थी। तत्कालीन उपाध्यक्ष एके सिंह के प्रयास से उस समय सूबे के मुखिया रहे अखिलेश यादव से इस प्रोजेक्ट को हरी झंडी मिली थी। इसके लिए 76 करोड़ रुपये का प्रस्ताव बना, जिसमें से 13 करोड़ रुपये स्वीकृत भी हो गया था। शुरू में प्राधिकरण को ही इस कार्य के लिए नोडल एजेंसी बनाया गया था। बाद में पूरी जिम्मेदारी सिंचाई विभाग को सौंप दी गई। सिंचाई विभाग ने पहले 100 मीटर का पक्का घाट बनवाने का कार्य 28 मई 2016 को शुरू कराया। 13 महीने में 17-18 फीसद काम ही पूरा हो सका। कार्य की प्रगति धीमी होने की वजह बजट की कमी बताई जा रही है। अगर बजट नहीं मिला तो ये प्रोजेक्ट बंद भी हो सकता है।
घाट पर होनी हैं क्या-क्या सुविधाएं
घाट पर सिटी प्लाजा, बारादरी, प्लेटफार्म, योग के लिए ऊंचे-ऊंचे चबूतरे, लंबी बेंच, सोलर लाइट, खूबसूरत पौधे लगाने के कार्य होने हैं। पार्किंग की भी व्यवस्था होनी है।
एलिवेटेड पुल के निर्माण पर भी विराम
संगम में एलिवेटेड पुल बनाने की योजना भी सपा सरकार में बनी थी। अरैल में महर्षि योगी आश्रम से लेकर झूंसी में छतनाग और वहां से उल्टा किला के नीचे से शास्त्री ब्रिज तक इसे बनाने का प्रस्ताव था। इसके लिए करीब तीन सौ करोड़ रुपये का बजट भी स्वीकृत हो गया था। इसका भी निर्माण अर्द्धकुंभ मेले तक करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था, लेकिन चार जून को यहां सर्किट हाउस में अर्द्धकुंभ मेले की तैयारियों की समीक्षा के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ ने यह कहकर इस प्रोजेक्ट पर लगभग विराम लगा दिया कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा के मद्देनजर संगम क्षेत्र में ऊपर से कोई स्थायी निर्माण नहीं हो सकता है। जबकि इस पुल के बनने से दिव्यांग, बुजुर्ग और अशक्त श्रद्धालुओं को लिफ्ट के जरिये सीधे संगम क्षेत्र में पहुंचाने की योजना थी।
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लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) के अफसरों से इस मामले में बात हुई है। घाट के नक्शे आदि मांगे गए हैं। बजट मिलने की उम्मीद है। शहरी नियोजन विभाग ने एलडीए को इस कार्य के लिए नोडल एजेंसी बनाया है।
मनोज सिंह, अधिशासी अभियंता, सिंचाई विभाग।