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..ताकि दुनिया देखती रहें आपकी आंखें

जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : नेत्रदान महादान क्यों है, क्या आपने इस बारे में सोचा है कभी? अगर नहीं

By JagranEdited By: Published: Tue, 23 May 2017 01:00 AM (IST)Updated: Tue, 23 May 2017 01:00 AM (IST)
..ताकि दुनिया देखती रहें आपकी आंखें

जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : नेत्रदान महादान क्यों है, क्या आपने इस बारे में सोचा है कभी? अगर नहीं, तो जान लें। वास्तव में यह मानवहित में सबसे बड़ा दान है। नेत्रदान से आप उन लोगों को यह खूबसूरत दुनिया दिखाते हैं, जिनका जीवन अंधकारमय होता है। ऐसे लोग जिन्होंने नेत्र न होने के चलते दुनिया नहीं देखी, वह आपकी आंखों के जरिए देख सकते हैं। मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज में नेत्र विभाग के छात्र कुछ ऐसी ही सीख लोगों को दे रहे हैं। मेडिकल कालेज से संबद्ध मनोहरदास नेत्र चिकित्सालय, स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय से मरीज स्वस्थ्य होकर जब घर लौटते हैं तो उन्हें नेत्रदान के लिए प्रेरित किया जाता है। कुछ उससे प्रेरित होकर नेत्रदान को हामी भी भर देते हैं।

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जन्मजात नेत्रहीनता व कभी आंख में चोट लगने से रोशनी चली जाने के काफी मामले समाज में हैं। एक सर्वे में सामने आया है कि एक हजार में 78 लोग नेत्रहीन हैं। इसमें 26 प्रतिशत चोट लगने से आंखें गंवाते हैं। नेत्रहीनों में ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों की संख्या अधिक है। इस स्थिति को बदलने के लिए मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज के प्राचार्य व मनोहर दास नेत्र चिकित्सालय के मुख्य अधीक्षक डॉ. एसपी सिंह ने लोगों में जागरूकता लाने की मुहिम छेड़ी है। जूनियर डॉक्टरों के माध्यम से अस्पताल से ठीक होकर जाने वाले लोगों को नेत्रदान करने को प्रेरित किया जाता है। साथ ही सरकारी व गैर सरकारी दफ्तरों में संगोष्ठियों के जरिए जागरूकता लाने की मुहिम जल्द शुरू होगी। स्कूल-कालेजों में जुलाई माह से शिविर लगाकर नेत्रदान पर आधारित कविता, पेटिंग व परिचर्चा का आयोजन कराया जाएगा।

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जरूरत से काफी कम है नेत्रदान

एक अप्रैल 2016 से 31 मार्च 17 तक मनोहर दास नेत्र चिकित्सालय में मात्र 72 लोगों के कार्निया का प्रत्यारोपण हुआ है। जबकि आवेदन पांच सौ के लगभग है। जागरूकता अभियान चलने से फार्म भरने की संख्या में जरूर इजाफा हुआ है। हर माह 50 से 80 फार्म नेत्रदान के लिए भरे जाते हैं।

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धर्मगुरु भी कर रहे प्रोत्साहित

नेत्रदान के प्रति लोगों में जागरूकता लाने को धर्मगुरु भी प्रोत्साहित कर रहे हैं। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि कहते हैं कि मृत्यु के बाद होने वाले नेत्रदान का भागीदार हर व्यक्ति को बनना चाहिए। मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज द्वारा कन्या भ्रूणहत्या के खिलाफ चल रही मुहिम का हिस्सा कथावाचिका निहारिका दीक्षित नेत्रदान की अलख जगा रही हैं। कहती हैं नेत्रदान पृथ्वी का सबसे पुण्यकार्य है जिसका हिस्सा बनना हर मानव के लिए सौभाग्य की बात है। पादरी प्रवीण मैसी कहते हैं कि नेत्रदान हर मानव को करना चाहिए, वह लोगों को यह संदेश देंगे। मुस्लिम धर्म विद्वान हाजी सैयद जलाल रहमानी ने नेत्रदान में मेडिकल कालेज प्रशासन को हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया है।

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यहां कर सकते हैं नेत्रदान

अगर आप नेत्रदान करने के इच्छुक हैं तो मनोहरदास नेत्र चिकित्सालय के आइबैंक नंबर 9451762902 व 9807477789 पर संपर्क कर सकते हैं। यहां 24 घंटे नेत्रदान का फार्म भरा जा सकता है। अगर आपने फार्म नहीं भी भरा है तो यहां संपर्क करके बिना दिक्कत के नेत्रदान करा सकते हैं।

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वर्जन

नेत्रदान के प्रति आज भी लोगों में जागरूकता का अभाव है। कुछ इसे धर्म से जोड़कर देखते हैं। हम लोगों में जागरूकता लाने का प्रयत्‍‌न कर रहे हैं, जिसमें धर्मगुरुओं का सहयोग मिल रहा है। उम्मीद है आने वाले दिनों में परिणाम बेहतर होगा।

-डॉ. एसपी सिंह, प्राचार्य मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज


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