चंपारन से राष्ट्रीय आंदोलन को मिला नया मोड़
इलाहाबाद : इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के गांधी शांति अध्ययन संस्थान में चंपारन सत्याग्रह के
इलाहाबाद : इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के गांधी शांति अध्ययन संस्थान में चंपारन सत्याग्रह के 100 वर्ष के उपलक्ष्य में गुरुवार को गोष्ठी हुई। मुख्य अतिथि प्रो. सुशील श्रीवास्तव ने चंपारन यात्रा पर गांधी जी के योगदान पर चर्चा की।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय आंदोलन को चंपारन की घटना ने एक नवीन मोड़ दिया। सन 1916 में काग्रेस के लखनऊ अधिवेशन के बाद गांधी जी ने चंपारन जाने का निर्णय लिया। 15 अप्रैल, 1917 को मोतिहारी स्टेशन पर गांधी जी के स्वागत के लिए हजारों कृषक पहुंच गए और कहा कि हमारा मसीहा आ गया है। बताया कि गांधी जी चंपारन में पहली बार भारतीय कृषकों की समस्याओं से परिचित हुए और उनकी समस्याओं को सुलझाने का प्रयास किया। इस घटना ने गांधी जी को राष्ट्रीय स्तर का नेता बना दिया। यहीं से मोहनदास करमचंद गांधी 'महात्मा गाधी' हो गए। गोष्ठी में निदेशक प्रो. योगेश्वर तिवारी ने सभी का स्वागत किया। धन्यवाद ज्ञापन राहुल द्विवेदी ने किया।