किश्त जमा करने वाले किसानों को नहीं मिलेगा लाभ
रमेश यादव, इलाहाबाद : प्रदेश सरकार ने सूबे के सभी लघु और सीमांत किसानों का फसली ऋण माफ कर दिया है
रमेश यादव, इलाहाबाद : प्रदेश सरकार ने सूबे के सभी लघु और सीमांत किसानों का फसली ऋण माफ कर दिया है। बैंकों में लाभार्थी किसानों का डाटा तैयार किया जा रहा है। इसके मुताबिक 31 मार्च 2016 के बाद फसली ऋण की किश्त जमा करने वाले किसानों को कर्जमाफी का लाभ नहीं मिल पाएगा।
प्रदेश सरकार ने किसानों का 36 हजार करोड़ का फसली ऋण माफ किया है। सभी बैंकों से लाभार्थी किसानों का डाटा मांगा गया है की किस किसान ने कितना ऋण किसान क्रेडिट कार्ड पर लिया है। 31 मार्च 2016 तक कितना ऋण उन्होंने बैंक से लिया था। वित्तीय वर्ष 2016-17 में किसान ने कितना ऋण अदा किया। 31 मार्च 2017 को कितना लोन बाकी था। किसान के बारे में पूरी जानकारी के साथ उसका आधार कार्ड नंबर और मोबाइल नंबर की जानकारी भी मांगी गई है।
लीड बैंक (बैंक ऑफ बड़ौदा) मैनेजर विजय शर्मा का कहना है कि स्टेट लेवल बैंकर्स कमेटी ने लघु और सीमांत किसानों का पूरा रिकार्ड मांगा है। सभी बैंकों से यह जानकारी इकट्ठा की जा रही है। जो रिकार्ड मांगा गया है उसके मुताबिक अगर किसी किसान ने 31 मार्च 2016 के पश्चात फसली ऋण की कोई किश्त या लोन का पैसा जमा किया है तो वह किसान कर्जमाफी के दायरे में नहीं आएंगे। अगर किसान ने एक लाख रुपये का ऋण लिया था और एक अप्रैल 2016 से 31 मार्च 2017 के बीच 30 हजार रुपये खाते में जमा कर दिए थे तो उसे 70 हजार रुपये का ही ऋणमाफी का लाभ मिलेगा।