Move to Jagran APP

सीएनडीएस से छिनी नलकूप की जिम्मेदारी

जासं, इलाहाबाद : कई फैसलों के साथ नगर निगम के पार्षदों ने जलकल के एक अरब के बजट को हरी झंडी दिखा

By JagranEdited By: Published: Mon, 24 Apr 2017 01:00 AM (IST)Updated: Mon, 24 Apr 2017 01:00 AM (IST)
सीएनडीएस से छिनी नलकूप की जिम्मेदारी

जासं, इलाहाबाद : कई फैसलों के साथ नगर निगम के पार्षदों ने जलकल के एक अरब के बजट को हरी झंडी दिखा दी। घंटों हुई बैठक में सीएनडीएस के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित हुआ कि इस कार्यदाई संस्था ने जो नलकूप लगाए, वह कुछ दिन में ही खराब हो गए। बैठक में पार्षदों ने कहा कि भविष्य में नलकूप जलकल ही लगाए। बैठक में जीएम के न आने पर अधिशासी अभियंता आरडी यादव को जीएम का चार्ज सौंपा गया। सदन ने कहा कि अब जीएम एमएम मौर्या विभाग से अटैच रहेंगे लेकिन काम आरडी यादव करेंगे।

loksabha election banner

बैठक में एकाउंटेंट ने बजट पढ़ना शुरू किया तो पार्षद शिवसेवक सिंह ने जलकल की ऑडिट रिपोर्ट मांगी। लेकिन अधिकारी रिपोर्ट नहीं दे सके। पार्षद नीरज गुप्ता ने कहा कि जलकल विभाग नगर निगम से ज्यादा टैक्स लेता है, फिर भी व्यवस्था छिन्न-भिन्न है। जीएम भी अक्सर लापता रहते हैं। प्रस्ताव रखा कि जीएम का पद किसी और को दिया जाए. जिस पर मेयर और नगर आयुक्त ने जीएम जलकल की अनुपस्थिति में सभी अधिकार जोनल अधिकारी आरडी यादव को देने का निर्णय लिया। अभिलाषा गुप्ता ने कहा कि नगर निगम 12 फीसद हाउस टैक्स लेता है और जलकल साढ़े 16 फीसद। फिर भी पूरे शहर में पेयजल आपूर्ति की व्यवस्था बदहाल है। जबकि सीवर लाइन बिछाने के साथ ही अन्य काम के लिए अलग से बजट आ रहा है। ऐसे में जलकल पूरा पैसा कहां खर्च करता है यह हिसाब अधिकारियों से मांगा गया है, जो नहीं मिल पा रहा है। नगर आयुक्त शेषमणि पांडेय ने कहा कि वाटर रिचार्जिग की व्यवस्था पर ध्यान नहीं दिया गया तो समस्या बढ़ेगी। भूगर्भ जलस्तर लगातार नीचे जा रहा है। इसलिए सभी लोग मिल कर पानी की बर्बादी रोकें। कहा कि वर्षा जल संरक्षण करें, वाटर चार्जिग की व्यवस्था न होने पर अब नगर निगम से एनओसी नहीं मिलेगी।

नगर निगम और जलकल का एक बिल क्यों नहीं?

पार्षद सत्येंद्र चोपड़ा ने कहा कि 2010 में जेएनएनयूआरएम योजना लागू होने के बाद जल संस्थान नगर निगम में मिल चुका है। इसके बाद भी जलकल अलग से बिल क्यों बना रहा है। जलकल विभाग एक बिल पर करीब 260 रुपया खर्च करता है। पार्षदों ने गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई द्वारा सीवर बिछाने के लिए की जा रही खुदाई के दौरान पाइप लाइन क्षतिग्रस्त करने का आरोप लगाया, जिस पर प्रभारी जीएम आरडी यादव ने कहा कि गंगा प्रदूषण द्वारा जो काम कराया जाता है, उसकी सूचना नहीं दी जाती है।

एक महीने में देंगे संपत्ति का ब्योरा

पार्षद गणेश केसरवानी ने सदन में नगर निगम के सभी अधिकारियों, कर्मचारियों, पार्षदों के साथ ही मेयर द्वारा अपनी संपत्ति का ब्योरा दिए जाने का प्रस्ताव रखा। जिस पर सभी ने सहमति जताई। निर्णय लिया गया कि एक महीने के अंदर जलकल और नगर निगम के सभी अधिकारी, कर्मचारी, पार्षद और मेयर अपनी संपत्ति का ब्यौरा देंगे।

महत्वपूर्ण बैठक में भी लापरवाही

रविवार को नगर निगम के जलकल विभाग की बजट बैठक शुरू हुई। दोपहर 12 बजे मेयर अभिलाषा गुप्ता, नगर आयुक्त शेषमणि पांडेय और उनके अधीनस्थ अफसर पहुंचे। 12:20 बजे तक 19 पार्षद ही आए। इस बैठक के प्रति पार्षदों की लापरवाही का आलम यह रहा कि दो बजे तक 80 निर्वाचित और 10 नामित पार्षदों में से 32 पार्षद ही आए। वहीं लंच बाद दो चले भी गए।

पार्षदों ने उठाए मुद्दे

- दिनेश गुप्ता ने कहा कि सोहबतिया बाग में पानी की समस्या बनी हुई है। जबकि पिछले वर्ष ही नया ट्यूबवेल लगा है।

- गिरधारी सिंह ने कहा कि उनके एरिया में चेकवाल की व्यवस्था न होने से ऊंचाई वाले इलाकों में आज भी पानी की समस्या बनी हुई है।

- अभय यादव ने मुंडेरा इलाके में 80 लाख रुपये से बनाए गए नाले पर सवाल उठाया। इस नाले के निर्माण की जांच की मांग की।

- राजू निषाद ने कहा कि चार ट्यूबवेल होने के बाद भी शिवाजी नगर, तिलक नगर में पानी की समस्या है। ट्यूबवेल पर कब्जा कर सर्विस सेंटरों पर गाड़ी धुलाई के नाम पर हजारों लीटर पानी बहाया जा रहा है।

- राजेश कुशवाहा ने कहा कि बेनीगंज में पिछले वर्ष लगा ट्यूबवेल पानी छोड़ने लगा है। पानी की समस्या पर लोग घेराव कर रहे हैं, जलकल अधिकारी सुनते नहीं।

बैठक में लिए गए निर्णय

- 15 दिन के अंदर तैयार होगी जलकल की ऑडिट रिपोर्ट।

- ट्यूबवेल के आस-पास हुए अवैध कब्जों को तीन दिन के अंदर हटाया जाएगा।

- पंपों का संचालन अब जलनिगम नहीं बल्कि जलकल विभाग करेगा, बजट भी जलकल को ही मिलेगा।

- नलकूपों पर अब लगेगा टाईमर, किसी ने तोड़ा टाईमर तो दर्ज होगी एफआइआर।

- जलकल के अधिकारियों-कर्मचारियों की तनख्वाह पर कितना खर्च होता है मेयर ने इसका ब्योरा मांगा।

- सीवर बिछाने के दौरान कहीं पाइप लाइन क्षतिग्रस्त होती है जलकल के अधिकारी इसके जिम्मेदार होंगे।

- गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई के अधिकारी कहीं भी खुदाई कराएंगे तो जलकल को लिखित सूचना देंगे।

- कहीं भी गंदे पानी की सप्लाई होती है तो जलकल के अधिकारी जिम्मेदार होंगे।

- 24 घंटे से अधिक देर तक कहीं लीकेज होता है तो जेई के खिलाफ होगी कार्रवाई।

- जलकल में पिछले दिनों कूलर खरीद की जांच का आदेश।

बजट एक नजर में-

- प्रारंभिक अवशेष- 11 करोड़, 12 लाख, पांच हजार 243

- वर्ष की अनुमानित आय- 95 करोड़, 64 लाख, 85 हजार

- प्रारंभिक अवशेष सहित कुल अनुमानित आय- एक अरब, छह करोड़, 76 लाख, 90 हजार 243 रुपया

- वर्ष का कुल अनुमानित व्यय- एक अरब, 28 लाख, 21 हजार 400

- वर्ष के अंत में कुल संभावित अवशेष- छह करोड़, 48 लाख, 68 हजार, 843 रुपया


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.