'सरकारी कामकाज में पारदर्शिता लाने का साधन है मीडिया'
जासं, इलाहाबाद : समाचार पत्र, केवल टाइम पास का साधन नहीं। सूचना, ज्ञान, सलाह, सरोकार, मनोरंजन और विच
जासं, इलाहाबाद : समाचार पत्र, केवल टाइम पास का साधन नहीं। सूचना, ज्ञान, सलाह, सरोकार, मनोरंजन और विचार का एक मजबूत स्रोत है। हर आयु वर्ग और हर आय वर्ग के लोगों की रुचियों को ध्यान में रख कर अपने पाठकों के लिए तैयार किया गया एक शानदार तोहफा है। इसे कुबूल करना या न करना, पाठकों का अपना विशेषाधिकार है।
यह कहना है दैनिक जागरण के संपादकीय प्रभारी जगदीश जोशी का। वह बुधवार को इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के यूजीसी मानव संसाधन विकास केंद्र में आयोजित पुनश्चर्या के अंतर्गत आयोजित व्याख्यान में विचार व्यक्त कर रहे थे। 'इंटरडिसिप्लनरी रिफ्रेशर कोर्स इन मीडिया स्टडी एवं ई-गवर्नेस' शीर्षक कार्यक्रम में देशभर के विभिन्न हिस्सों के विश्वविद्यालय एवं कालेजों के शिक्षक प्रतिभाग कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि वर्तमान परिवेश में मीडिया लोकतंत्र में पारदर्शिता लाने का साधन है। यह अल्पसंख्यक (धर्म के आधार पर नहीं, समस्या से जुड़े लोगों की संख्या के अनुसार) उनकी बातों को उतनी प्रमुखता से उठाता है, जितनी कि बड़ी संख्या वाले वर्ग की। इसे यूं कहें, मीडिया एक छोटे से वर्ग की बात को अपनी सामर्थ्य के अनुरूप मंच प्रदान करता है और शासन के कान तक उसे पहुंचाता है। बताया कि हर अखबार या इलेक्ट्रानिक मीडिया की अपनी-अपनी साख होती है। दैनिक जागरण इसमें खरा उतरता है तभी तो आमतौर पर कहा जाता है कि जागरण में खबर छपी है तो सच होगा। कहा कि यह हमारी वर्षो की मेहनत, आत्मसंयम और अनुशासन का नतीजा है। तभी पाठकों का विश्वास जीत पाए। इस विश्वास ने एक सामाजिक जिम्मेदारी भी दे दी, इसे निभाते हुए जागरण ने सात सरोकार शुरू किए। कहा कि इसके माध्यम से हम सीधे जनता से जुड़ते हैं और समाज उत्थान के लिए चलाई जा रही योजनाओं और व्यक्तियों को सामने लाते हैं। कहा कि हमारे सात सरोकारों में सुशिक्षित समाज, स्वस्थ समाज, नारी सशक्तिकरण, पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण, गरीबी उन्मूलन और जनसंख्या नियोजन है। उन्होंने पर्यावरण संरक्षण के लिए गत वर्ष चलाए गए अभियान 'तलाश तालाबों की' का उदाहरण देते हुए कहा कि जिले भर में यह अभियान चलाया गया। इसके माध्यम से सैकड़ों जलाशयों, पोखरों और तालाबों को जीवनदान मिला।
जगदीश जोशी ने बताया कि जनता की आवाज को मीडिया अपना समर्थन देती है तो लोकतंत्रात्मक सरकार पर लोक-कल्याणकारी योजनाओं के सृजन के लिए दबाव पड़ता है। यह कहना उचित होगा कि लोकतंत्र में मीडिया का एक अहम स्थान है, इसीलिए इसे चौथा स्तंभ तक कहा जाता है।
संवाद सत्र में प्रतिभागियों ने समाज के उत्थान में मीडिया की भूमिका सहित पत्रकारिता से जुड़े विभिन्न प्रश्न पूछे। स्वागत कोर्स कोआर्डिनेटर प्रो. एचके शर्मा ने किया। उन्होंने कहा मीडिया निष्पक्ष और निर्भीक है तभी सरकारी नीतियां सीधे जनता तक पहुंचती हैं। कहा कि मीडिया आज भी अभिव्यक्ति का सक्रिय साधन है।