'चारुवाक' से परंपराओं पर किया कटाक्ष
जासं, इलाहाबाद : स्वराज विद्यापीठ का परिसर अद्भुत नाट्य मंचन का गवाह बना। बैकस्टेज संस्था की ओर से ड
जासं, इलाहाबाद : स्वराज विद्यापीठ का परिसर अद्भुत नाट्य मंचन का गवाह बना। बैकस्टेज संस्था की ओर से डॉ. विद्याधर पुंडलीक कृत नाटक 'चारुवाक' के मंचन से परंपराओं को तोड़ने का खामियाजा दर्शाया गया।
सोमवार को प्रवीण शेखर निर्देशित उक्त नाटक में दार्शनिक चार्वाक व उसके लोकायत दर्शन के माध्यम से सहज मानवीय जीवन व संवेदनाओं को तलाशा गया। नाटक में बौद्धिक जड़ परंपरा व रूढि़यों से विद्रोह करने का परिणाम दिखाया गया। इसके जरिए बनी-बनाई परंपराओं से विद्रोह करके लोगों की भावनाओं को झकझोरा गया। वहीं ऐसा करने वालों को सामाजिक, शारीरिक व मानसिक पीड़ा से जूझते हुए दिखाया गया। चार्वाक वैदिकों, जैनियों, बौद्धों के शास्त्रों को चुनौती देता है। ऐसा करने पर उसकी दिक्कत बढ़ने लगती हैं। नाटक में सतीश तिवारी, अमर सिंह, सिद्धार्थ पाल, अनुज कुमार, कोमल पांडेय ने शानदार अभिनय किया।