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'एनसीआर कर्मी' बताएगा नौकरी का लेखा-जोखा

प्रमोद यादव, इलाहाबाद : देश में कुछ गिने चुने सरकारी विभाग होंगे, जिनके कर्मचारी वेतन, छुट्टी, आयकर,

By JagranEdited By: Published: Mon, 27 Mar 2017 01:09 AM (IST)Updated: Mon, 27 Mar 2017 01:09 AM (IST)
'एनसीआर कर्मी' बताएगा नौकरी का लेखा-जोखा
'एनसीआर कर्मी' बताएगा नौकरी का लेखा-जोखा

प्रमोद यादव, इलाहाबाद : देश में कुछ गिने चुने सरकारी विभाग होंगे, जिनके कर्मचारी वेतन, छुट्टी, आयकर, पीएफ, लोन आदि के बारे में अपने मोबाइल पर जान सकते हैं। यह सुविधा उत्तर मध्य रेलवे (एनसीआर) इलाहाबाद में शुरू हो चुकी है। नई व्यवस्था में कर्मचारियों को नौकरी संबंधी जानकारी के लिए बाबू के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। इसे वह घर बैठे ही देख सकते हैं, बिल्कुल मल्टीनेशनल कंपनियों के कर्मचारियों की तरह।

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रेलवे में पहली बार उत्तर मध्य रेलवे के कर्मचारियों के लिए 'एनसीआर कर्मी' मोबाइल एप लांच किया गया है। इस एप को रेलवे कर्मचारी अपने मोबाइल पर डाउनलोड कर सकते हैं। फिर अपने पे स्लीप पर लिखे इंप्लाई नंबर से इसमें रजिस्टर्ड हो सकते हैं। रजिस्ट्रेशन पूरा होने के बाद उनका पूरा डाटा सामने होगा। इसमें वह अपने वेतन, बायोडाटा, छुट्टी का विवरण देख सकेंगे। साथ ही इनकम टैक्स कितना कटा और पीएफ कितना जमा हुआ, इससे भी अपडेट रहेंगे। इसके अलावा कितना लोन लिया और कितना बकाया है, यह सब वह घर बैठे अपने मोबाइल पर देख सकते हैं। अगर उन्हें कोई शिकायत या सुझाव देना चाहते हैं तो उसका भी कालम है। इस हाइटेक व्यवस्था का कर्मचारी फायदा उठाने लगे और अब उन्हें बाबू के चक्कर नहीं काटने पड़ रहे हैं। उत्तर मध्य रेलवे के पीआरओ अमित मालवीय ने बताया कि इस जोन 66 हजार कर्मचारी है। सभी का डाटा आनलाइन किया जा चुका है। इसलिए उनको मोबाइल एप पर उनसे संबंधित सारी जानकारी दे दी गई है। इससे पारदर्शिता आएगी और भ्रष्टाचार पर लगाम लगेगा। इसी एप में रेलवे के ठेकेदारों का भी एक एकाउंट बनाया गया है। वह अपना पैन नंबर डालकर अपने भुगतान और बकाए आदि की जानकारी ले सकते हैं। रेल कर्मचारियों के लिए पहली बाद ऐसी सुविधा लांच करने पर रेलवे बोर्ड ने उन्हें बधाई दी है। आने वाले दिनों में यह पूरे देश में लांच होगा।

रेलवे से सबक ले अन्य विभाग

केंद्र और राज्य के उन विभागों को रेलवे से सबक लेना चाहिए, जो कर्मचारियों के वेतन, पीएफ, फंड आदि बताने या भुगतान करने मामले लटकाए रखते हैं। कई विभागों में बाबुओं का ऐसा मकड़जाल है कि रिटायर होने के बाद कर्मचारी का लंबे समय तक पेंशन, फंड, बीमा आदि का भुगतान नही करते हैं। ऐसे विभागों को रेलवे से सबक लेकर व्यवस्था को हाईटेक करनी चाहिए।


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