घूरपुर में अवैध खनन का इलाज बड़ी 'सर्जरी'
जासं, इलाहाबाद/गौहनिया : घूरपुर क्षेत्र में अवैध खनन का नजारा देखना हो तो नदी के किनारों पर लगे ब
जासं, इलाहाबाद/गौहनिया : घूरपुर क्षेत्र में अवैध खनन का नजारा देखना हो तो नदी के किनारों पर लगे बालू के टीले देखिए। करोड़ों रुपये की यह बालू उस वक्त खोद कर जमा की गई है, जब हाईकोर्ट के निर्देश पर खनन पूरी तरह बंद कर दिया है। इस अवैध खनन के खिलाफ बालू मजदूरों ने भी उग्र आंदोलन किया, मगर खनन माफिया की संगठित शक्ति के आगे सारी कवायद धरी रह गई। प्रदेश सरकार अगर इस क्षेत्र में खनन रोकने के लिए प्रतिबद्ध है तो उसे पहले मशीनरी की बड़ी सर्जरी करनी पड़ेगी।
घूरपुर क्षेत्र में मोहरी का पूरा, कंजासा, में दर्जनों जेसीबी लगाकर बालू निकाली जा रही है। इसी घाट पर दो माह पूर्व बालू मजदूरों ने बालू माफिया से संघर्ष कर खनन रुकवा दिया था। जिसके बाद बालू मजदूरों ने यमुना में अवैध खनन शुरू किया तो बालू माफिया ने अवैध बालू परिवहन पर भी दबंगई से रोक दिया था। जिसको लेकर दोनों पक्षों में मारपीट सहित कई धाराओं में मुकदमा भी दर्ज हुआ है। पिछले एक माह से खनन फिर शुरू हो गया। भीटा, देवरिया, पालपुर, अमिलिया, कंजासा, बिरवल, बसवार, सारीपुर में बालू के बड़े बड़े टीले इस अवैध खनन की हकीकत बयान करते हैं।
चिंताजनक पहलू यह है कि अवैध खनन से भरे वाहनों से वसूली के लिए अवैध चौकियां खुली हुई हैं। भीटा, दलवाबारी, इरादतगंज, पालपुर, बसवार, गौहनिया में ट्रैक्टरों से 500 एवं ट्रकों से 1000 रुपये तक की वसूली की जाती है। करोड़ों रुपये की इस वसूली की जानकारी खनन विभाग, पुलिस विभाग से लेकर प्रशासनिक अफसरों तक है। मगर खनन माफिया के साथ कुछ अधिकारियों की मिलीभगत की वजह से इसे रोका नहीं जा पा रहा है।
उत्तर प्रदेश में निजाम बदलने के बाद उम्मीद थी कि इस सूरत ए हाल में बदलाव आएगा। मगर खनन कार्यो से जुड़े सूत्र बताते हैं कि जिले में तैनात मौजूदा मशीनरी में बड़ा बदलाव किए बिना यहां पर खनन रोक पाना संभव नहीं है।
...........
तीन दिन में सिर्फ 35 वाहन
इलाहाबाद : खनन प्रभारी एडीएम प्रशासन महेंद्र कुमार राय की मानें तो खनन विभाग ने पिछले तीन दिनों में अवैध खनन के 35 वाहनों का चालान किया है। जिस तरह बड़े पैमाने पर अवैध खनन हो रहा है, उसकी एवज में यह कार्रवाई न के बराबर है। घूरपुर में अवैध खनन के वाहनों को पकड़ने में जुटे एसडीएम बताते हैं कि उन्होंने खनन विभाग के अधिकारियों को बुलाया है।
'इन्हें हटाए बिना नहीं रुकेगा खनन'
इलाहाबाद : बुधवार को एसडीएम बारा ने जो पत्र एसएसपी को भेजा है, वह बेहद गंभीर है। इस पत्र में उन्होंने स्पष्ट कर दिया है मौजूदा थानाध्यक्ष घूरपुर और चौकी इंचार्ज गौहनिया के यहां तैनात रहते अवैध खनन को रोका जाना संभव प्रतीत नहीं होता। जाहिर है जहां पर पुलिस विभाग के हालात ऐसे हों और खनन विभाग के अधिकारी जहां जाते न हों। वहां खनन कैसे रुकेगा?
'अवैध खनन पर पूरी सख्ती की जा रही है। पुलिस, तहसील और खनन विभाग के अधिकारियों को सचेत कर दिया गया है। यदि खनन हो रहा है और उसमें किसी की भी संलिप्तता पाई जाती है तो उसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।'
संजय कुमार, जिलाधिकारी