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टीबी को पहचानें, करें इलाज

जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : अगर आपको या आपके घर में किसी को अधिक दिनों से खांसी आ रही है तो उसे ग

By JagranEdited By: Published: Fri, 24 Mar 2017 01:00 AM (IST)Updated: Fri, 24 Mar 2017 01:00 AM (IST)
टीबी को पहचानें, करें इलाज
टीबी को पहचानें, करें इलाज

जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : अगर आपको या आपके घर में किसी को अधिक दिनों से खांसी आ रही है तो उसे गंभीरता से लें, क्योंकि यह टीबी यानी ट्यूबर क्लोसिस जैसी खतरनाक बीमारी हो सकती है। लापरवाही करना भारी पड़ सकता है। समय रहते जांच कराकर दवा शुरू करने से बीमारी जड़ से ठीक हो जाती है।

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विश्व स्वास्थ्य संगठन 24 मार्च को विश्व टीबी दिवस के जरिए लोगों में यही जागरूकता पैदा करता है। बावजूद इसके अनभिज्ञता अभी भी कायम है। जिले में टीबी के मरीजों की संख्या में इजाफा होना इसका प्रमाण है। बीते साल 18 प्रतिशत टीबी के मरीजों में वृद्धि हुई है। इसके पीछे सिर्फ जानकारी का अभाव है, क्योंकि इलाज तो इसका मुफ्त में होता है।

मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज में छाती एवं टीबी रोग विभागाध्यक्ष डॉ. तारीक महमूद बताते हैं कि टीबी के बैक्टीरिया मरीज के खांसने या छींकने से निकलते हैं। फिर हवा के जरिए एक से दूसरे इंसान को प्रभावित करते हैं। इसके चलते फेफड़ा, दिमाग, यूटरस, मुंह, लिवर, किडनी, गला, हड्डी समेत शरीर के किसी भी हिस्से में टीबी हो सकती है। सबसे चिंताजनक एक्सडीआर (एक्सटेंसिविली ड्रग रजिस्टेंस) मरीजों की संख्या बढ़ना है। यह 38 फीसद बढ़े हैं। जबकि एमडीआर (मल्टी ड्रग रजिस्टेंस) में 18 फीसद मरीज ही बढ़े हैं। एमडीआर और एक्सडीआर वह मरीज होते हैं जिनके शरीर में टीबी की दवाओं से प्रतिरोधक क्षमता उत्पन्न हो जाती है और मरीज के इलाज का कोर्स लंबा हो जाता है। एक्सडीआर की स्थिति जानलेवा भी साबित हो सकती है।

जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. ऋषि सहाय बताते हैं कि टीबी के मरीजों का बेहतर इलाज हो रहा है। जिले में 250 डॉट्स सेंटर हैं, जहां टीबी का मुफ्त इलाज किया जाता है। इसके अलावा प्रत्येक एक लाख जनसंख्या पर टीयू सेंटर खोले गए हैं। यहां पर टीबी की निश्शुल्क जांच की जाती है।

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एचआइवी मरीजों को ज्यादा खतरा

इलाहाबाद : एचआइवी (ह्यूमन इम्युनोडेफिशिएंसी वायरस) के 50 प्रतिशत मरीजों में टीबी होने की संभावना अधिक रहती है। इसके अलावा अच्छा खान-पान न करने वालों को टीबी ज्यादा होती है क्योंकि कमजोर इम्यूनिटी से उनका शरीर बैक्टीरिया का वार नहीं झेल पाता। जब कम जगह में ज्यादा लोग रहते हैं तब इंफेक्शन तेजी से फैलता है। अंधेरी और सीलन भरी जगहों पर भी टीबी ज्यादा होती है क्योंकि टीबी का बैक्टीरिया अंधेरे में पनपता है। इसके अलावा डायबिटीज पीड़ितों में टीबी होने की संभावना अधिक रहती है।

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यह है टीबी का लक्षण

- दो हफ्ते से ज्यादा लगातार खासी आना।

-खासी के साथ बलगम आना।

-बलगम के साथ खून का आना और भूख कम लगना।

-लगातार वजन का कम होना।

-शाम या रात में बुखार आ जाना।

-सर्दी में पसीना आना या सास उखड़ना।

-सास लेते हुए सीने में दर्द होना।

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ऐसे करें बचाव

- पौष्टिक आहार (सोयाबीन, दालें, मछली, अंडा, पनीर) का सेवन करें।

-ज्यादा भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें।

-मरीज को मास्क पहनकर रखना चाहिए।

-मास्क नहीं है तो हर बार खासने या छींकने से पहले मुंह में रुमाल रख लें।

-मरीज से एक मीटर की दूरी पर रहें।


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