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'डा. धर्मवीर ने दी कबीर को देखने की मौलिक दृष्टि'

जासं, इलाहाबाद : ¨हदी के आलोचक और आजीवन चिंतक धर्मवीर भारती की स्मृति में निराला सभागार में स्मृति स

By JagranEdited By: Published: Thu, 23 Mar 2017 06:39 PM (IST)Updated: Thu, 23 Mar 2017 06:39 PM (IST)
'डा. धर्मवीर ने दी कबीर को देखने की मौलिक दृष्टि'
'डा. धर्मवीर ने दी कबीर को देखने की मौलिक दृष्टि'

जासं, इलाहाबाद : ¨हदी के आलोचक और आजीवन चिंतक धर्मवीर भारती की स्मृति में निराला सभागार में स्मृति सभा का आयोजन किया गया। जिसमें डॉ. दीनानाथ ने कहा कि डॉ. धर्मवीर भारती ने कबीर को देखने की मौलिक दृष्टि प्रदान की। डॉ. मुश्ताक अली ने कहा कि कबीर के जन्म, मृत्यु और चिंतन पर सही और प्रमाणिक जानकारी डॉ. भारती ने ही उपलब्ध कराई।

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दलितों के लिए धर्मातरण को खतरनाक बताते हुए डॉ. भूरेलाल ने कहा कि डॉ. भारती ने कौम के संकट को चिंतन के संकट के रूप में पहचाना। उन्होंने आजीवक परंपरा के साथ बाहरी और भीतरी परंपरा के अवरोधकों को ध्वस्त करके आजीवक कौम के स्वतंत्र चिंतन का मार्ग प्रशस्त किया। इस मौके पर डॉ. संजय राजभर, प्रो. चंदा देवी, डॉ. डीसी लाल, डॉ. अंशुमान, डॉ. परवेज, डॉ. कृपा, शैलेंद्र कुमार, रंजीत कुमार समेत बड़ी संख्या में छात्र-छात्राएं भी मौजूद थे।


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