अपनी शक्ति पहचानें ब्राह्माण : श्रीनिवास
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : ब्राह्माण राजनीति व सामाजिक दृष्टि से जागरूक होकर एक मंच पर आएं, क्यो
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : ब्राह्माण राजनीति व सामाजिक दृष्टि से जागरूक होकर एक मंच पर आएं, क्योंकि एकता में ही हर समस्या का समाधान है। दंडी स्वामीनगर स्थित मठ मछली बंदर शिविर में मंगलवार को 'वर्तमान परिवेश में ब्राह्माण समाज की चुनौती व कार्य' विषयक सम्मेलन में जगद्गुरु श्रीनिवास वृतधर नारायण रामानुज ने बतौर मुख्य अतिथि यह बातें कही। उन्होंने कहा कि ब्राह्माण से बड़ा कोई पराक्रमी नही है। जरूरत है उसे अपनी शक्ति पहचानने की।
श्रीनिवास ने कहा कि ब्राह्माण की सोच संकीर्ण नहीं है, न ही वह किसी को प्रताड़ित करने की सीख रखते हैं। यही कारण है कि ब्राह्माण आदिकाल से देश का नेतृत्व करते रहे हैं और आगे भी करेंगे। उन्होंने ब्राह्माणों को अपने प्रतीकों को धारण करने को प्रेरित किया। जगताचार्य स्वामी उपेंद्रानंद ने ब्राह्माणों को संस्कृत भाषा पढ़ने को प्रेरित किया। कहा कि ब्राह्माण वैदिक शिक्षा को प्राथमिकता दें, उसे प्राथमिकता न मिलने से ब्राह्माणों व विश्व का पतन हुआ है। जन्मेजय शरण ने कहा कि ब्राह्माणों को धार्मिक कृत्यों से जुड़कर समाज का मार्गदर्शन करना चाहिए। स्वामी ब्रह्माश्रम ने कहा कि ब्राह्माण अपने कर्तव्य ईमानदारी से निभाए। वह गौ, गायत्री एवं गीता के प्रति श्रद्धाभाव रखेंगे तो समाज एवं उनका कल्याण स्वत: हो जाएगा। संयोजन स्वामी विमलदेव आश्रम ने किया। संचालन आचार्य कुशमुनि ने किया। इस दौरान स्वामी शंकराश्रम, प्रकाश आश्रम, ब्रह्मास्वरूप ब्रह्माचारी, रवि द्विवेदी, श्वेता शुक्ला, मनोज शुक्ल, देशदीपक त्रिपाठी मौजूद रहे।