फिर मिला गंगा में पशु का शव
जासं, इलाहाबाद : माघ मेला के दौरान गंगा नदी में पशुओं के शव बहकर आने का सिलसिला थमा नहीं। बुधवार
जासं, इलाहाबाद : माघ मेला के दौरान गंगा नदी में पशुओं के शव बहकर आने का सिलसिला थमा नहीं। बुधवार को बहकर आए शव को प्रशासन ने बाहर निकलवाया था और गुरुवार को भी एक पशु का शव बहकर आया। इससे श्रद्धालुओं की आस्था को झटका लग रहा है।
माघ मेले की थीम है, स्वच्छ, सुंदर और दिव्य माघ मेला। मगर जिस तरह से पिछले दो दिनों से नदी में मृत जानवरों के शव मिल रहे हैं। उससे इस थीम को झटका लग रहा है। माघ मेले में संगम क्षेत्र से लेकर सभी घाटों तक मेला प्रशासन ने बेहतर साफ सफाई का इंतजाम किया है। मगर मेले में आने वाले श्रद्धालु संगम और गंगा में स्वच्छ जल में डुबकी लगाने की आस लेकर आते हैं, यह आस पूरी नहीं हो रही है। जबकि मंडलायुक्त और जिलाधिकारी शुरू से ही जल की स्वच्छता पर जोर देते रहे हैं। नदी में जानवरों के शव बहकर न आएं, इसके लिए भी हिदायत दी जा चुकी है। इसके बावजूद बुधवार को पीपा पुल के बगल ही एक पशु का शव मिला था। जिसे प्रशासन ने हटवाया था, गुरुवार को भी तकरीबन इसी स्थान पर एक अन्य जानवर का शव पाया गया।
अधिवक्ता प्रदीप श्रीवास्तव ने इस पर चिंता जताते हुए कहा कि शव से बदबू भी उठ रही है और आसपास के संतों, कल्पवासियों व श्रद्धालुओं को परेशानी हो रही है। लगातार दूसरे दिन नदी में शव मिलने से अनभिज्ञता जताते हुए मेलाधिकारी आशीष मिश्र ने कहा कि इस विषय में गंगा प्रदूषण इकाई के अधिकारियों और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को एक दिन पहले ही सचेत कर दिया गया था। अब यदि इस प्रकार की लापरवाही पाई गई तो उनके खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की जाएगी।