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मरीज से अभद्रता कर बाहर निकाला

जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : डा. बंसल की हत्या होने के बाद से इलाज को मोहताज हुए मरीजों के सामने अ

By Edited By: Published: Sun, 15 Jan 2017 07:38 PM (IST)Updated: Sun, 15 Jan 2017 07:38 PM (IST)
मरीज से अभद्रता कर बाहर निकाला

जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : डा. बंसल की हत्या होने के बाद से इलाज को मोहताज हुए मरीजों के सामने अब एक नई मुसीबत खड़ी हो गई है। प्राइवेट अस्पताल व नर्सिगहोम तो बंद हैं ही, सरकारी अस्पतालों में इलाज हो रहा है लेकिन डाक्टर उनसे बदसलूकी कर रहे हैं। ऐसा ही एक मामला रविवार को स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल में हुआ जहां सड़क दुर्घटना में घायल मरीज से अभद्रता होने पर हंगामा हुआ।

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झूंसी निवासी दिनेश त्रिपाठी (48)वर्ष, सड़क दुर्घटना में घायल हो गए थे। रविवार की दोपहर परिजन उन्हें इलाज के लिए स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय ले गए। इमरजेंसी वार्ड में डॉक्टरों ने उन्हें भर्ती किया। इलाज के दौरान दिनेश को दर्द हुआ तो उन्होंने सुन्न करके इलाज करने की गुजारिश की। इस पर डॉक्टर भड़क गए और अभद्रता करते हुए उन्हें बाहर निकाल दिया। परिजनों ने काफी मिन्नत की लेकिन उसका कोई असर नहीं हुआ। फिर परिजन दिनेश को लेकर दूसरे अस्पताल गए। यही एक मामला नहीं बल्कि अस्पताल में भर्ती दूसरे मरीजों की भी ठीक से देखरेख नहीं हो रही। एसआरएन अस्पताल के मेडिसिन वार्ड में भर्ती नेबूलाल ने बताया कि चिकित्सक समय पर देखने नहीं आते, जिससे दिक्कत बढ़ गई है। जनरल वार्ड में भर्ती विवेका, अतुल कुमार, मंगलकुमार, सर्जिकल वार्ड के भोला, पवन की शिकायत भी यही है। इनका कहना है कि डॉक्टर समय से नहीं आते। अगर आते भी हैं तो दवा लिखकर चले जाते हैं। वहीं सीएमएस डॉ. करुणाकर द्विवेदी का कहना है कि हर मरीज की उचित देखरेख हो रही है। अगर कोई लापरवाही बरत रहा है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

बेली से लौटाया मरीज

इलाहाबाद : तेजबहादुर सप्रू चिकित्सालय बेली में इलाज कराने गए मरीज को लौटा दिया गया। आंत में छेद की दिक्कत से पीड़ित कौशांबी जिला के कोखराज थानांतर्गत हर्रायपुर गांव निवासी सोहनलाल बेली अस्पताल पहुंचे। इमरजेंसी वार्ड में मौजूद चिकित्सकों ने शुरुआती जांच कर उन्हें वापस लौटा दिया। जबकि सोहन को असहनीय दर्द हो रहा था और वह बार-बार खुद को भर्ती करने की गुजारिश कर रहे थे। लेकिन चिकित्सकों ने उन्हें भर्ती नहीं किया। इसके बाद सोहन एसआरएन अस्पताल पहुंचे जहां उन्हें भर्ती किया गया।

बेड की बढ़ी दिक्कत

इलाहाबाद : निजी चिकित्सालयों में हड़ताल का असर सरोजनी नायडू बाल चिकित्सालय पर पड़ने लगा है। पहले की अपेक्षा यहां मरीजों की संख्या में 20 से 30 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। इसके चलते एक बेड में दो बच्चों को लिटाकर इलाज किया जा रहा है।

मरीजों की संख्या बढ़ने पर दवा की दिक्कत उत्पन्न होने लगी है। उग्रसेनपुर से आए नवाब हाशमी ने बताया कि उनकी बेटी आफरीन को निमोनिया है। यहां भर्ती तो कर लिया गया, लेकिन अधिकतर दवा बाहर से लानी पड़ रही है। मिर्जापुर से आयीं सुमन का बेटा राज भी चिल्ड्रेन में भर्ती है, उन्हें भी दवा बाहर से लानी पड़ रही है। इसी प्रकार हंडिया के कैलाश, नवाबगंज के मो. मोईन, पूरामुफ्ती के अशोक तिवारी ने भी दवा बाहर से लाने की बात कही।

काल्विन में नहीं देख रहे डॉक्टर

इलाहाबाद : मोतीलाल नेहरू मंडलीय चिकित्सालय 'काल्विन' में मरीजों का बुरा हाल है। यहां के डॉक्टर दो दिनों से मरीजों को देखने नहीं जा रहे। शनिवार और रविवार को कोई डॉक्टर वार्ड में नहीं गया। इसके चलते मरीज अपनी पलंग पर पड़े डाक्टरों की बाट जोह रहे हैं। हार्निया पीड़ित राजेश यादव, सराय अकिल के शिवम जायसवाल, पेटदर्द से पीड़ित करुणा पांडेय, चकिया की अमैदी खातून व शाहीदबानो सहित अनेक मरीजों ने बताया कि डॉक्टरों के न देखने से उनकी दिक्कत बढ़ रही है। उन्होंने बताया कि ड्यूटी पर मौजूद वार्डब्वाय व नर्स भी ठीक से इलाज नहीं कर रहे हैं।

वर्जन

सरकारी अस्पतालों में मरीजों की देखरेख की पूरी व्यवस्था है। अधिकतर डॉक्टर अपना काम कर रहे हैं। लापरवाही बरतने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।

-डॉ. आलोक वर्मा, सीएमओ


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