दंडीबाड़े की भूमि दो टुकड़े में, आवंटन में पेच
जासं, इलाहाबाद : माघ मेले में भूमि आवंटन का पहला ही दिन विवादों की भेंट चढ़ गया। दंडीबाड़े की जमीन को
जासं, इलाहाबाद : माघ मेले में भूमि आवंटन का पहला ही दिन विवादों की भेंट चढ़ गया। दंडीबाड़े की जमीन को दो हिस्सों में बांटे जाने से दंडी संन्यासी खफा हो गए। जिससे पूरा दिन मान मनौवल में ही बीत गया। फिलहाल अभी तक कोई निष्कर्ष नहीं निकाला जा सका है।
दंडी संन्यासियों को गंगोली शिवाला के पास हर साल 70 बीघे जमीन आवंटित की जाती है। मगर इस साल गंगा के कटान में 10 बीघा जमीन बह गई। जमीन बह जाने के बाद मेला प्रशासन ने 60 बीघा जमीन तो गंगोली शिवाला के पास देना तय किया, जबकि बाकी दस बीघा जमीन जीटी रोड के उत्तर देने का प्रस्ताव दिया। मंगलवार को जब भूमि आवंटन के वक्त यह फार्मूला सामने आया तो दंडीबाड़े के प्रमुख संत ब्रह्माश्रम, विमलदेव आश्रम और शंकर आश्रम नाराज हो गए। उन्होंने कहा कि दंडी संन्यासी बेहद वृद्ध होते हैं, ऐसे में उनके लिए इतनी दूर आना-जाना संभव नहीं हो पाएगा। मेलाधिकारी आशीष मिश्र पूरा दिन इन संतों को मनाने का प्रयास करते रहे, लेकिन कोई हल नहीं निकला। दंडीबाड़ा सभी संतों को एक साथ ही जमीन देने की मांग कर रहा है, जबकि मेला प्रशासन का कहना है कि इससे भूमि आवंटन का पूरा प्लान गड़बड़ा जाएगा। मेलाधिकारी आशीष मिश्र ने कहा कि आवंटन को लेकर कोई विवाद नहीं है। संतों से वार्ता हो गई है, पहले दिन जमीन का सर्वेक्षण करवा लिया गया है। बुधवार को एक ही दिन में दंडीबाड़े की जमीन का आवंटन कर दिया जाएगा।