माघ मेला क्षेत्र में बसने लगा तम्बुओं का शहर
जासं, इलाहाबाद : संगम की रेती पर त्याग, तपस्या और वैराग्य के प्रतीक माघ मेला की तैयारियां तेजी से
जासं, इलाहाबाद : संगम की रेती पर त्याग, तपस्या और वैराग्य के प्रतीक माघ मेला की तैयारियां तेजी से की जा रही है। मोक्ष की प्राप्ति को तीर्थराज प्रयाग में देशभर के हजारों श्रद्धालु यहां जप-तप करने आते हैं। तम्बू में रहकर एक माह तक रेती पर धूनी रमाकर 'कल्पवास' करते हैं। कल्पवास पौष पूर्णिमा से माघी पूर्णिमा तक चलता है। जबकि कुछ श्रद्धालु महाशिवरात्रि तक संगम तीरे जप-तप में लीन रहते हैं। सुख-सुविधाओं का त्यागकर घास-फूस में लेटना, एक समय भोजन, दिन में तीन बार गंगा स्नान, प्रभु नाम का जप व संतों की सेवा एवं उनके सानिध्य में भजन-पूजन करना कल्पवासी की दिनचर्या होती है।
मान्यता है कि माघ मास में सच्चे हृदय से कल्पवास करने वाले साधक को जीते जी मोक्ष की प्राप्ति होती है। बशर्ते कल्पवास 12 वर्ष पूर्ण होना चाहिए। परिस्थिति कोई भी हो कल्पवासी इस बीच घर नहीं जाता। अगर जाता है तो उसकी तपस्या खंडित हो जाती है। माघ मास में मानव ही नहीं, बल्कि देवता भी तप करने प्रयाग की पावन धरा पर अवतरित होते हैं। वह सच्चे हृदय से कल्पवास करने वाले साधक को किसी न किसी रूप में दर्शन देते हैं।
1432 बीघे में बसेगी तम्बुओं की नगरी
इलाहाबाद : अबकी 1432 बीघे में माघ मेला बसाया जाएगा। तम्बुओं का शहर बसाने की तैयारी तेज हो गई है। श्रद्धालुओं को सुविधाएं मुहैया कराने के लिए कई विभाग डट गए हैं। पुल, सड़क, नल, शौचालय, तम्बू आदि लगाए जा रहे हैं। दिसम्बर तक लगभग सभी निर्माण पूरे कर लिए जाएंगे और जनवरी के पहले हफ्ते में श्रद्धालुओं का आना शुरू हो जाएगा।
माघ मेले के लिए मिला 30.5 करोड़
माघ मेला कराने के लिए जिला प्रशासन ने प्रदेश सरकार से 70 करोड़ 50 लाख छह हजार रुपये मांगा था। इस बजट के सापेक्ष प्रदेश सरकार ने अभी 30 करोड़ 54 लाख 16 हजार रुपये दिया है। बजट कम आने पर विभागों को खर्चे में कटौती करने को कहा गया है।
माघ मेला का प्रमुख स्नान पर्व
-12 जनवरी : पौष पूर्णिमा
-14 जनवरी : मकर संक्रांति
-27 जनवरी : मौनी अमावस्या
-एक फरवरी : वसंत पंचमी
-10 फरवरी : माघी पूर्णिमा
-24 फरवरी : महाशविरात्रि
-- 12 थाने और 34 पुलिस चौकियां बनाई जा रही हैं।
- पुलिस, पीएसी, जल पुलिस, यातायात और फायर सर्विस के कार्यालय।
- पुलिस और यातायात पुलिस का कंट्रोल रूम बनेगा।
- तीन क्यूआरटी और तीन बीडीएस तैनात होगी।
- इंटेलीजेंस टै्रफिक मैनेजमेंट सिस्टम लागू करने की तैयारी।
-माघ मेले के लिए 2200 बसों का संचालन किया जाएगा
-रेलवे में आधा दर्जन स्पेशल ट्रेनें चलेंगी, टिकट पर सरचार्ज लगेगा।