थायरॉएड का समय पर निदान आवश्यक : डॉ. सरिता
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : थायरॉएड संबंधी परेशानियों का समय से निदान करना अत्यंत आवश्यक है। पीड़ित
जागरण संवाददाता, इलाहाबाद : थायरॉएड संबंधी परेशानियों का समय से निदान करना अत्यंत आवश्यक है। पीड़ित को दवा की सही खुराक न देने पर जटिलताएं पैदा हो सकती है। मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज में मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. सरिता बजाज ने यह बातें कहीं। वह गुरुवार को इंडियन मेनोपॉज सोसायटी इलाहाबाद चेप्टर द्वारा आयोजित 'थायरॉएड एवं रजोनिवृत्ति' विषयक सेमिनार में बतौर मुख्यवक्ता बोल रही थीं। कहा कि थायरॉएड की जांच हमेशा किसी प्रतिष्ठित विश्वसनीय प्रयोगशाला में करानी चाहिए, क्योंकि उससे सही जानकारी मिलती है और दवा की खुराक थायरॉएड हार्मोस के स्तर के अनुसार निर्धारित करने में सहायता होती है।
बताया कि थकान, कमजोरी, याददाश्त में कमी, कम सोच पाना, वजन में वृद्धि थायरॉएड के लक्षण हो सकते हैं, जिसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। बताया कि अमेरिकन थायरॉएड एसोसिएशन की सिफारिश के अनुसार 55 साल के बाद हर व्यक्ति को थायरॉएड प्रोफाइल जांच जरूर करवाना चाहिए। स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ डॉ. वंदना बंसल ने कहा कि गर्भधारण से पूर्व एवं गर्भावस्था के दौरान थायरॉएड की समस्या का समुचित नियंत्रण जरूरी है। इसकी अनदेखी करने पर शिशु पर विपरीत प्रभाव डाल सकती है। मेडिकल कालेज में स्त्री एवं प्रसूति रोग विभागाध्यक्ष डॉ. अमृता चौरसिया ने कहा कि प्राय: थायरॉएड को लेकर अपने अनुभव साझा किए। डॉ. राज बाबेजा ने इसके विभिन्न पहलुओं पर प्रकाश डाला। स्वागत डॉ. एके बंसल ने किया। संचालन मेडिकल कालेज की शोध अधिकारी डॉ. शांति चौधरी ने किया। इस दौरान डॉ. मंजुला सहाय, डॉ. आशा जायसवाल, डॉ. पूनम श्रीवास्तव, डॉ. अजय गोपाल, अन्नपूर्णा अग्रवाल, वर्षा, डॉ. अलका, डॉ. रेखा जायसवाल मौजूद रहे।