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फर्जी चेकों से लाखों रुपये उड़ाने वाला गिरोह गिरफ्त में

जासं, इलाहाबाद : फर्जी चेकों के जरिए कई कंपनियों और व्यापारियों के खाते से लाखों की रकम उड़ाने वाले ग

By Edited By: Published: Wed, 28 Sep 2016 09:13 PM (IST)Updated: Wed, 28 Sep 2016 09:13 PM (IST)
फर्जी चेकों से लाखों रुपये उड़ाने वाला गिरोह गिरफ्त में

जासं, इलाहाबाद : फर्जी चेकों के जरिए कई कंपनियों और व्यापारियों के खाते से लाखों की रकम उड़ाने वाले गिरोह को पुलिस की टीम ने धर दबोचा। गिरोह में छह शातिर पकड़े गये। इसमें बैंक कर्मियों की मिलीभगत भी प्रकाश में आई है। इस्तेमाल हो चुके चेकों को हासिल कर शातिर बदमाश हस्ताक्षर स्कैन कर लेते थे। फिर उसी बैंक के चेकों के आगे की सिरीज का नंबर अंकित कर लाखों की रकम भरकर निकाल लेते थे। राशि पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र और यूपी के तमाम जिलों में खोले गए एकाउंट में ट्रांसफर करा ली जाती थी। गिरोह ने दर्जनों चेकों से फर्जीवाड़े की बात कबूल की है। उनके कब्जे से स्कैनर, कई बैंकों की पासबुक, फर्जी चेक आदि बरामद हुए हैं।

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आइजी केएस प्रताप और डीआइजी विजय यादव को सूचना मिली कि शहर में एक गिरोह फर्जी चेकों के जरिए लाखों की रकम बैंक से उड़ा रहा है। अधिकारियों ने इसकी छानबीन के लिए दो टीमें लगा दीं। जिनके प्रयास से कामयाबी मिली और बड़े गिरोह का भंडाफोड़ हो गया। पुलिस टीम ने गोपालगंज बिहार के आशिक अली, करेली के निजाम खां, राजापुर के शमशाद उर्फ शानू, मऊआइमा के सलमान, फाफामऊ के दीपक त्रिपाठी और सुल्तानपुर भावा खुल्दाबाद के सरफराज को दबोच लिया। सर्विलांस विंग प्रभारी ओपी त्रिपाठी के मुताबिक, यह बदमाश कई सालों से चेकों के जरिए फर्जीवाड़ा कर रहे थे। पंजाब नेशनल बैंक, एसबीआइ, कार्पोरेशन बैंक, बैंक आफ बड़ौदा आदि के कर्मचारियों से सेटिंग कर यह बदमाश पहले इस्तेमाल हो चुके चेक उनसे हासिल लेते थे। उसके बाद हस्ताक्षर स्कैन कर लेते थे। उसी बैंक के दूसरे खाते के चेकों पर अंकित नंबर पुराने चेक के आगे की सिरीज के डाल देते थे। इसके बाद चेकों को दूसरे जिलों, प्रदेशों में लगाकर रकम अपने खातों में ट्रांसफर करा लेते थे। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि बिहार की रकम बंगाल में निकाली जाती थी जबकि यूपी के रुपये महाराष्ट्र के किसी एकाउंट में ट्रांसफर होते थे। बदमाश बड़ी कंपनी के एकाउंट, व्यापारी और उन खातों को निशाने पर लेते थे जिनमें रकम ज्यादा होती थी।

आइजी केएस प्रताप के मुताबिक, गिरोह की सेटिंग कई बैंक कर्मियों से थी। वह भी चेकों के फर्जीवाड़े में शामिल थे। पूछताछ में कई कर्मचारियों के नाम पता चले हैं। बदमाशों से दर्जनों चेक बरामद हुए हैं। गिरफ्तारी करने वाली टीम में इंस्पेक्टर ओपी त्रिपाठी, दारोगा बीके सिंह, जुलकर नैन, जीतपाल, पंकज, दारोगा पंकज शाही आदि रहे।

गरीब महिलाओं के खाते से 'खेल'

फर्जी चेकों के जरिए कई प्रदेशों में रुपये निकाले गए लेकिन गिरोह ने इलाहाबाद को हब बना रखा था। आइजी के मुताबिक, सारी कारगुजारी यहीं से होती थी। शातिर गरीब महिलाओं की आइडी लगाकर खाता खुलवाते थे। उनकी पासबुक और एटीएम खुद रख लेते थे। उन्हें कुछ रुपये भी दे देते थे। फिर चेक तैयार कर इन्हीं एकाउंट में रुपये ट्रांसफर कर निकाल लेते थे।


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