इन्होंने दिखाई इंसानियत, उनकी बुझी प्यास
जासं, इलाहाबाद : मांडा के ऊंचडीह ग्राम पंचायत का दलईपुर मजरा। आर्थिक व सामाजिक रूप से पिछड़े इस मजरे
जासं, इलाहाबाद : मांडा के ऊंचडीह ग्राम पंचायत का दलईपुर मजरा। आर्थिक व सामाजिक रूप से पिछड़े इस मजरे में पिछले साल तक गर्मी में पानी के लिए हाहाकार मचता था, लेकिन अब यहां का परिदृश्य बदल गया है। लोगों को अब पानी के लिए भटकना नहीं पड़ता। बल्कि पानी खुद चलकर उनके पास पहुंच रहा है। गांव के प्रेमशंकर और ग्राम प्रधान विष्णु शंकर त्रिपाठी के प्रयास से यह संभव हो सका है।
यमुनापार में ऊंचडीह भी उन गांवों में शामिल है जहां पानी की समस्या ने लोगों को परेशान कर रखा है। गांव में प्रशासन द्वारा टैंकर से पानी भेजा जाता है, बावजूद इसके समस्या बनी रहती है। गर्मी में हालात काफी खराब हो जाते हैं। इस गांव के दलईपुर मजरे में करीब सौ परिवार बसे हुए हैं। पिछले साल तक यहां के लोगों को आधा किलोमीटर दूर चलकर हैंडपंप से पानी लाना पड़ता था। समस्या को देखते हुए गांव के प्रेमशंकर तिवारी ने खुद के खर्च से नलकूप की स्थापना करवाई। इसके बाद इस सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए ग्राम प्रधान विष्णु शंकर त्रिपाठी ने बस्ती में पाइप लाइन बिछवा दी। इतना ही नहीं बस्ती के राम सागर प्रजापति, रामआसरे, सूचित नारायण, जवाहरलाल यादव, देवनारायण यादव, राजबहादुर यादव, बुद्धू प्रजापति, राम बहादुर यादव, अमर बहादुर यादव के घरों के बाहर नल लगाकर कनेक्शन भी दे दिए गए। अब लोगों को सुबह शाम दो-दो घंटे पानी मिलता है। खास बात यह कि इसके बदले लोगों से एक पैसे नहीं लिए जाते। ग्रामीणों का कहना है कि सालों से वह पानी की समस्या से जूझ रहे थे, लेकिन अब उनकी दिक्कत दूर हो गई है। प्रधान विष्णु शंकर त्रिपाठी बताते हैं कि गांव में पेयजल समस्या को लेकर कई बार प्रशासन को लिखा गया, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। जब कोई राह नहीं दिखाई पड़ी तो फिर प्रेमशंकर तिवारी के सहयोग से उन्होंने लोगों को मुफ्त कनेक्शन दे दिए। अब मजरे के सौ घरों में पानी की समस्या लगभग दूर हो गई है।