पहले बनाई दूरी, दबाव में आए साथ
जासं, इलाहाबाद : इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय में ऑफलाइन विकल्प को लेकर बुधवार का घटनाक्रम किसी र
जासं, इलाहाबाद : इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय में ऑफलाइन विकल्प को लेकर बुधवार का घटनाक्रम किसी रहस्य से कम नहीं रहा। आंदोलन को लेकर पदाधिकारियों में एकता का अभाव दिखा। मंगलवार को पदाधिकारियों द्वारा कुलपति कार्यालय पर आमरण अनशन पर बैठने की घोषणा की गई थी लेकिन शुरुआत में मोर्चा सिर्फ अध्यक्ष ऋचा सिंह ने संभाला। उपाध्यक्ष विक्रांत सिंह व महामंत्री सिद्धार्थ सिंह नहीं दिखे। इसकी भनक एबीवीपी के आला नेताओं को लगी तो उन्होंने विक्रांत व सिद्धार्थ को फटकार लगाते हुए आमरण अनशन में शामिल होने का निर्देश दिया, जिसके बाद देर शाम दोनों कुलपति पर प्रलोभन देने का आरोप लगाते हुए अनशन में शामिल हुए।
पीजी प्रवेश परीक्षा में ऑफलाइन विकल्प के मुद्दे पर बुधवार को सुबह दस बजे अध्यक्ष ऋचा सिंह, उपाध्यक्ष विक्रांत सिंह, महामंत्री सिद्धार्थ सिंह गोलू व संयुक्त मंत्री श्रवण जायसवाल को कुलपति कार्यालय पर आमरण अनशन शुरू करना था लेकिन सुबह विक्रांत व सिद्धार्थ का कहीं अता-पता नहीं था। इनसे संपर्क करने का प्रयास किया गया परंतु बात नहीं हो सकी। बाद में पता चला कि वह कुलपति के साथ बैठक कर रहे हैं। इसके चलते आमरण अनशन सुबह दस के बजाय दोपहर साढ़े 12 बजे से शुरू हुआ, जिसमें अध्यक्ष ऋचा सिंह और अन्य छात्र शामिल हुए लेकिन उपाध्यक्ष व महामंत्री गायब थे। बताया जा रहा है बाद में एबीवीपी के वरिष्ठ पदाधिकारियों का दबाव पड़ने पर देर शाम वह भी आमरण अनशन में शामिल हुए। विक्रांत और गोलू का कहना है कि कुलपति ने उनके ऊपर आंदोलन खत्म करने का दबाव बनाया। इसके लिए दस लाख रुपये व मनचाहा प्रवेश देने की बात कही। साथ ही उनके खिलाफ जो जांच चल रही है उसे भी बंद करने का आश्वासन दिया है।