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चौक-कटरा में तो बुल्डोजर भी रहता है बैकफुट पर

जासं, इलाहाबाद : शहर को स्मार्ट सिटी बनाए जाने की मशक्कत हो रही है लेकिन मुख्य मार्गो, चौराहों और बा

By Edited By: Published: Sun, 01 May 2016 01:31 AM (IST)Updated: Sun, 01 May 2016 01:31 AM (IST)
चौक-कटरा में तो बुल्डोजर भी रहता है बैकफुट पर

जासं, इलाहाबाद : शहर को स्मार्ट सिटी बनाए जाने की मशक्कत हो रही है लेकिन मुख्य मार्गो, चौराहों और बाजारों में अतिक्रमण इस कवायद को मुंह चिढ़ाता नजर आ रहा है। नगर निगम के रिकार्ड में शहर में हजारों की संख्या में अस्थायी और स्थायी अतिक्रमण दर्ज हैं लेकिन इनका निपटारा महज कागजों पर ही हो जाता है। शहर के चौक, कटरा, रामबाग, सिविल लाइंस, अल्लापुर, रोशनबाग आदि बाजारों में निगम का बुल्डोजर झांकने तक नहीं जाता। वजह व्यापारियों का विरोध, राजनीतिक दखलअंदाजी मानी जाती है। कुछ इलाके तो ऐसे में जहां निगम की टीम को पिटकर लौटना पड़ता है। बवाल से दूरी बनाती निगम की टीम जुर्माना और अवैध वसूली के जरिए इसे टालती रहती है।

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शहर की मुख्य सड़कों से लेकर गालियों तक और निगम की अन्य खाली जमीनों पर अवैध कब्जे हैं। सिविल लाइंस हो या फिर चौक, रामबाग, कर्नलगंज, कटरा आदि जगह पर कहीं अस्थाई तो कहीं स्थाई अतिक्रमण हैं। निगम के रिकार्ड के अनुसार शहर में 12 हजार 390 स्थानों पर अस्थाई और दो हजार 124 स्थानों पर स्थाई अतिक्रमण है। इन अवैध कब्जों को हटाने के लिए निगम की टीम सालों से सक्रिय है। कई बार कागजों पर इसे कम किया गया लेकिन असल में हालात जस के तस रहे। 2015-16 में निगम की टीम ने अतिक्रमण अभियान चलाकर 1996 स्थानों से अस्थाई अतिक्रमण हटाया। कागजों में यह सबसे बड़ी कार्रवाई मानी गई लेकिन दो दिन बाद पुराने जैसे हालात हो गए। यह निगम के अधिकारियों को भी पता है। निगम के अतिक्रमण अभियान के प्रभारी एसएल यादव बड़े गर्व से बताते हैं कि साल भर चले अभियान के दौरान 11.40 लाख रुपये जुर्माना वसूला गया है। इससे साफ जाहिर है कि निगम की टीम जुर्माना वसूल खुश है। इसके अलावा निगम और पुलिस को अतिक्रमण के नाम पर चढ़ावा भी मिल जाता है।

एक साल का रिकार्ड देखें तो निगम ने 12390 अस्थाई और 2124 स्थाई अतिक्रमण को चिन्हित किया। इसमें महज 1996 अस्थाई और 1500 स्थाई गिराया गया। मतलब साफ है कि रिकार्ड में दर्ज अतिक्रमण को हटाने में भी निगम की टीम पूरी तरह फेल साबित हुई है।


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